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अखिलेश यादव का बयान: करणी नहीं, यह ‘योगी सेना’, सरकार कर रही है मदद

रामजीलाल सुमन से मिले सपा प्रमुख

आगरा।
राज्यसभा में राणा सांगा पर की गई टिप्पणी के बाद उत्पन्न विवाद के बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को आगरा पहुंचे। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के संजय प्लेस स्थित आवास पर जाकर मुलाकात की और घटनाक्रम पर चिंता जाहिर की।

अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा कि यह हमला करणी सेना का नहीं, बल्कि एक संगठित ‘योगी सेना’ का था, जिसे सरकार से संरक्षण और आर्थिक सहयोग मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री से जुड़े कुछ लोग इस प्रकार की हिंसा कर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों को डराने का प्रयास कर रहे हैं।

“हिटलर जैसी रणनीति अपनाई जा रही है”
अखिलेश ने कहा कि जिस तरह हिटलर ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए एक खास तरह की सेना तैयार की थी, उसी तर्ज पर अब एक नया गिरोह बनाकर जनता की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि तलवारें लहराना एक सुनियोजित भय का माहौल बनाने की साजिश है।

“ताकत नहीं, समर्थन दिखाने आया हूं”
सपा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य प्रदर्शन करना नहीं था। वे केवल अपने पार्टी सांसद से मिलने आए हैं और इस मौके पर किसी भी प्रकार की शक्ति प्रदर्शन की मंशा नहीं थी।

हमला एक सोची-समझी साजिश
रामजीलाल सुमन के घर पर हुई घटना को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि यह कोई आकस्मिक हमला नहीं था, बल्कि एक योजनाबद्ध प्रयास था, जिसका मकसद पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय को भयभीत करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावर जान से मारने की नीयत से आए थे।

अखिलेश की यात्रा को देखते हुए हरीपर्वत क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल मुस्तैद रहा और पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया गया।

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