मेरठ

कोविड-19 के कारण रैलियों पर लगी रोक, मेरठ रेंज के आईजी की सोशल मीडिया रिसर्च टीम रखेगी नेताओं के डिजिटल प्रचार पर नजर

कोविड-19 के कारण रैलियों पर रोक लगाने से राजनीतिक पार्टियों ने डिजिटल प्रचार की तरफ अपना रुख कर लिया है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के डिजिटल प्रचार पर पुलिस नजर रखने में जुट गई है। नेताओं के डिजिटल प्रचार पर मेरठ रेंज के आईजी की सोशल मीडिया रिसर्च टीम रखेगी नजर।

मेरठ: कोविड-19 के कारण रैलियों पर रोक लगाने से राजनीतिक पार्टियों ने डिजिटल प्रचार की तरफ अपना रुख कर लिया है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के डिजिटल प्रचार पर पुलिस नजर रखने में जुट गई है। मेरठ रेंज में पहले ही चरण चुनाव होना है ऐसे में नेताओं के डिजिटल प्रचार पर मेरठ रेंज के आईजी की सोशल मीडिया रिसर्च टीम रखेगी नजर।

10 फरवरी को दिल्ली से सटे एनसीआर में पहली फेस में मतदान होगा। आईजी रेंज प्रवीण कुमार ने  सोशल मीडिया रिसर्च टीम को एक्टिव कर दिया है ताकि सोशल मीडिया पर कोई वोटरों को लुभाने, डराने और भड़काने की हिमाकत ना कर सके।

 मेरठ में 10 फरवरी को होंगे चुनाव

मेरठ समेत आसपास के जिलों में 10 फरवरी को मतदान होना है, ऐसे में पुलिस प्रशासन मतदान को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने की कवायद में जुटा है। प्रचार के नए तरीके के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी पुलिस को निगाह बनाना जरूरी हो गया है, इन दिनों फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर ,इंस्टाग्राम समेत अन्य कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पॉलिटिकल पोस्ट तैर रहे हैं।

इन राजनीतिक बयानों और विचारों में अभिव्यक्ति की आजादी का फायदा उठाकर कहीं कोई जातिवाद धार्मिक उन्माद ना फैला दें। कहीं जनसमर्थन जुटाने की लालसा में राजनेता कहीं माहौल खराब ना कर दें, इस पर पुलिस पैनी निगाह बनाए हुए हैं।

साइबर एक्सपर्ट रखेगी नजर

पुलिस के साइबर एक्सपर्ट वोटरों को लुभाने, डराने और माहौल खराब करने वाली पोस्ट पर नजर बनाए हुए हैं, चुनावी और राजनीतिक पोस्ट को इन दिनों गंभीरता से खंगाला जा रहा है। जो भी कंटेंट विवादित, अमर्यादित या असभ्य भाषा वाला लगता है उस पर तुरंत पुलिस संज्ञान लेकर एक्शन ले रही है। मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार ने आचार संहिता घोषित होने के बाद से सोशल मीडिया रिसर्च टीम का गठन किया है। इसके अलावा रेंज में आने वाली सभी जिलों को सोशल मीडिया पर तैर रही राजनीतिक पोस्ट पर विशेष निगाह बनाए रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जा सके।

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