क्या रैलियों और चुनावी सभाओं पर रोक हटेगी,चुनाव आयोग आज करेगा फैसला
पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवारों का ऐलान शुरू हो गया है लेकिन सवाल यह भी है कि चुनाव आयोग क्या फैसला करेगा। रैलियों पर प्रतिबंध बढ़ेगा या रोक हटेगी। आज इस बारे में अहम फैसला होगा।
निर्वाचन आयोग ने 16 सूत्री दिशानिर्देश भी जारी किए थे। उसने सार्वजनिक सड़कों और चौराहों पर नुक्कड़ सभा करने पर रोक लगाई है, हालांकि सीमित संख्या में लोगों के घर-घर जाकर प्रचार करने की अनुमति दी है। चुनाव नतीजों के बाद विजय जुलूस निकालने पर भी रोक होगी।निर्वाचन आयोग शनिवार को एक बैठक में यह फैसला लेगा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पांच चुनावी राज्यों में रैलियों, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध को 15 जनवरी से आगे बढ़ाया जाए या नहीं। सूत्रों ने कहा कि वायरस के प्रसार और इसके नए स्वरूप ओमीक्रोन के बारे में सूचनाओं के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए महामारी के मद्देनजर 15 जनवरी तक सार्वजनिक रैलियों, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कदम उठाया था।
निर्वाचन आयोग ने 16 सूत्री दिशानिर्देश भी जारी किए थे। उसने सार्वजनिक सड़कों और चौराहों पर नुक्कड़ सभा करने पर रोक लगाई है, हालांकि सीमित संख्या में लोगों के घर-घर जाकर प्रचार करने की अनुमति दी है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया गया है. उत्तर प्रदेश में 10,14,20,23,27 फरवरी के बाद 3 और 7 मार्च को मतदान किया जाएगा. पंजाब में एक ही चरण में चुनाव कराने का फैसला किया गया है. पंजाब में 14 फरवरी को मतदान होगा. इसी तरह उत्तराखंड में भी एक चरण में चुनाव होगा. यहां पर भी 14 फरवरी को ही मतदान कराए जाएंगे. गोवा में एक चरण में चुनाव होगा. गोवा में 14 फरवरी को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. जबकि मणिपुर में दो चरणों में मतदान कराने का फैसला किया गया है. मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होंगे. सभी राज्यों में 10 मार्च को मतगणना की जाएगी.