पाकिस्तान ने दी सफाई, कहा- चीन को ग्वादर बंदरगाह के पास सैन्य बेस का नहीं दिया प्रस्ताव
पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ ने कहा कि चीन को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह के पास सैन्य बेस बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है 'चीन को ग्वादर में मिलिट्री बेस देने की कोई पेशकश नहीं की गई'
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोइद यूसुफ ने कहा कि चीन को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह के पास सैन्य बेस बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश 60 अरब डालर (करीब 4,536 अरब रुपये) वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना में निवेश कर सकता है भारत सीपीईसी को लेकर चीन के समक्ष विरोध दर्ज करा चुका है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है. इस परियोजना के तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाएगा.यूसुफ ने चीन को ”इस्लामाबाद का करीबी दोस्त”बताया. यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने चीन के साथ घनिष्ट संबंध विकसित करने के लिये दुनिया भर के और विशेष रूप से शिनजियांग के मुसलमानों के लिये आवाज उठाने के प्रयासों को दांव पर लगा दिया है तो यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान शिनजियांग में मुसलमानों के खिलाफ कथित अत्याचारों की पश्चिमी धारणा से सहमत नहीं है.उन्होंने कहा, ”चीन के साथ हमारे भरोसेमंद संबंध हैं और यहां से हमारे राजदूत और अन्य प्रतिनिधिमंडल भी शिनजियांग प्रांत गए हैं.” उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी देशों को चीन से कोई समस्या है, तो उन्हें इस बारे में बीजिंग से बात करनी चाहिए.