प्रियंका यूपी में कांग्रेस का भला चाहती हैं,प्रियंका ने बीजेपी को रणनीति बदलने पर मजबूर कर ही दिया
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जैसे तैसे खड़ी हो जाये बहुत है.प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के घोषणापत्र को छह हिस्सों में बांटा है- स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत। उन्होंने कहा कि आज की महिला लड़ना चाहती है। हमने उसी भावना को ध्यान में रखते हुए इस घोषणा पत्र को बनाया है।
लंबे समय बाद पूरा गांधी परिवार एक मंच पर नजर आया. जयपुर की धरती से कांग्रेस ने महंगाई हटाओ का नारा लगाया. लेकिन राहुल गांधी ने जब माइक संभाला तो जिक्र हिंदू और हिंदुत्ववाद का भी आया. राहुल ने देश की जनता को इन दोनों शब्दों का मतलब समझाया और भाजपा को हिंदुत्ववादी कहकर, खुद को हिंदू बताया.
कांग्रेस उत्तर प्रदेश भी में अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, सत्ता के लिए हरगिज नहीं. ये चीज सबको मालूम है, कांग्रेस नेताओं से लेकर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को भी, लेकिन सीमित अवसर और संसाधनों के बीच जो असर नजर आ रहा है, वो उम्मीद कहीं बढ़ कर है. ये तो नहीं कह सकते कि महिला वोट बैंक को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोई ऐसा काम किया है, जिस पर पहले किसी का ध्यान न गया हो, लेकिन जिस तरीके से प्रोजेक्ट किया है – एक्ट्रा अटेंशन बीजेपी सहित सभी राजनीतिक दलों के लिए मजबूरी का सबब बन गया है
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने एक नया इतिहास लिख दिया है। कांग्रेस, प्रदेश में सरकार बना पाएगी इसकी उम्मीद किसी को नहीं है, यहां तक की काग्रेस के पुराने दिग्गज भी ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ यह बात स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कहीं भी ‘फाइट’ में नजर नहीं आ रही है। बल्कि कुछ लोग कांग्रेस को चौथे नंबर की पार्टी बता रहे हैं। लेकिन कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा के हौसले पस्त नहीं पड़े हैं बल्कि उसे इससे वोटरों से वायदे करने के लिए नई ऊर्जा मिल रही है