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महिला IAS ने शादी मैं नहीं करवाया कन्यादान,बोली – मैं दान की चीज नहीं, आपकी बेटी हूं

नरसिंहपुर जिले के करेली इलाके में छोटा सा गांव जोबा है. जहां 2 दिन पहले हुई एक शादी काफी सुर्खियों में है. इस दौरान शादी में कन्यादान नहीं हुआ, बल्कि जब कन्यादान रस्म की बारी आई तो दुल्हन ने इनकार कर दिया.

शादी समारोह के दौरान कन्यादान की रस्म निभाने की तैयारी चल रही थी। इस दौरान आईएएस तपस्या परिहार ने इससे इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं दान करने की चीज नहीं हू। मैं आपकी बेटी हूं पापा और हमेशा रहूंगी। तपस्या परिहार ने कहा कि शादी के बाद दो फैमिली एक हो रही है। ऐसे में दान जैसी कोई बात नहीं है। मुझे ऐसी चीजें शुरू से पसंद नहीं हैं।तपस्या 2018 बैच की आईएएस अधिकारी है। उनका जन्म नरसिंहपुर जिले के जोवा गांव में हुआ है। दूसरी कोशिश में उन्हें सफलता हाथ लगी है। वह समाज में समानता चाहती हैं। नरसिंहपुर के केंद्रीय विद्यालय से तपस्या परिहार ने स्कूली पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद पुणे स्थित इंडिया लॉ सोसाइटीज कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की। पापा विश्वास परिहार किसान हैं। यूपीएससी की तैयारी के लिए तपस्या ने दिल्ली में रहकर ढाई साल तक तैयारी की थी।
शादी में हर पिता अपनी बेटी का कन्यादान करता है ये रश्म वर्षो से चली आ रही है। लेकिन जब तपस्या की शादी के समारोह के दौरान कन्यादान की रस्म निभाने की तैयारी चल रही थी। इस दौरान आईएएस तपस्या परिहार (TAPASYA PARIHAAR) ने इससे इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं दान करने की चीज नहीं हू। मैं आपकी बेटी हूं पापा और हमेशा रहूंगी। तपस्या परिहार ने कहा कि शादी के बाद दो फैमिली एक हो रही है। ऐसे में दान जैसी कोई बात नहीं है। तपस्या परिहार बोली मुझे ऐसी चीजें शुरू से पसंद नहीं हैं।
आईएएस अधिकारी तपस्या का कहना है कि बचपन से ही उनके मन में समाज की इस विचारधारा को लेकर लगता था कि कैसे कोई मेरा कन्यादान कर सकता है, वो भी मेरी इच्छा के बगैर. यही बात धीरे-धीरे मैंने मैं अपने परिवार से चर्चा की और इस बात को लेकर परिवार के लोग भी मान गए. फिर वर पक्ष को भी इसके लिए राजी किया और बिना कन्यादान दिए शादी हो

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