मेरठ: कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द ए खाक हुए गो तस्कर अकबर बंजारा और भाई के शव, असम में हमले में हुई थी मौत
गुरुवार की सुबह मेरठ के फलावदा पहुंचे गोतस्कर अकबर बंजारा और उसके भाई का शव। बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों के शव सुपुर्द ए खाक कर दिए गए।
मेरठ: पूर्वी असम में उग्रवादी हमले में मारे गए फलावदा के दो अंतरराष्ट्रीय गोतस्कर भाइयों के शव गुरुवार अल सुबह असम से यहां मेरठ के फलावदा पहुंचे। हालांकि लोगों में आक्रोश के चलते हंगामा की स्थिति भी बनी लेकिन भारी पुलिस फोर्स से छावनी बने इलाके में कुछ देर बाद शांति हो गई। पुलिस मौजूदगी में शव सुपुर्द ए खाक कर दिए। इस दौरान पूरा इलाके सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।
दोनों को 15 अप्रैल को पकड़ा था
फलावदा के मोहल्ला बंजारान निवासी अंतररष्ट्रीय गोतस्कर अकबर बंजरा व उसके भाई सलमान को असम पुलिस ने बीते 15 अप्रैल को फलावदा पुलिस ने पकड़ा था। दोनों को मेरठ पुलिस ने असम पुलिस के हवाले कर दिया था। असम पुलिस दोनों भाइयों को रिमांड पर लेकर असम बार्डर का रास्ता देखने ले गई थी। उसी दौरान बंजारा गैंग से जुड़े उग्रवादी संगठन के सदस्यों ने हमला कर दोनों भाइयों को छुड़ाने की कोशिश की थी। इस हमले में दोनों भाई ढेर हो गए थे। दोनों पर दो-दो लाख का ईनाम था। स्वजन शव लेने के लिए असम रवाना हो गए थे। गुरुवार सुबह लगभग तीन बजे शव फलावदा पहुंचा गए।
पुलिस पर आरोप लगाकर किया हंगमा
पुलिस पर स्वजन ने फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप लगाकर हंगामा भी किया लेकिन पुलिस की अधिकता के चलते कुछ देर में ही मामला शांत हो गया। आखिर कुछ देर बाद दोनों के शव पासी कब्रिस्तान ले जाकर सुपुर्द ए खाक कर दिए। हालांकि पुलिस बल अभी भी तैनात है। वहीं एलआईयू द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने ज्यादा लोग जुटने की संभावना के मद्देनजर फलावदा पुलिस के साथ मवाना, बहसूमा, हस्तिनापुर पुलिस को भी लगा दिया। बाहरी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर बैरी लगा दिए थे।
असम में खड़ा किया था नेटवर्क
फलावदा थानाप्रभारी वरुण शर्मा के मुताबिक अकबर बंजारा बचपन से ही गोतस्करी का धंधा कर रहा था। अकबर पांच भाई थे। एक ने कुछ दिनों पहले आत्महत्या कर ली थी। दूसरे भाई का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। अकबर, सलमान और सलीम गोतस्करी के धंधे में थे। यूपी के बाद अकबर ने पंजाब में गोतस्करी का धंधा शुरू कर दिया था। इस बीच अकबर की मुलाकात असम के गोतस्कर रवि रेड्डी से हो गई थी। इसके बाद अकबर ने असम में अपने पैर जमा लिए थे और धंधे में रवि रेड्डी को भी पीछे छोड़ दिया था। बांग्लादेश बार्डर पर फार्म हाउस बनाकर तस्करी का धंधा कर रहा था। फार्म हाउस के अंदर ही ट्रकों को छिपा देता था। माहौल सही होने पर सीमा पार कराता था। बताया गया है कि अकबर के गैंग में 50 से ज्यादा सदस्य शामिल हैं। अब सलीम बचा है।
अरबों की थी संपत्ति
इस धंधे में गोतस्कर अकबर बंजारा ने भाई सलमान और सलीम को भी लगाकर अरबों की संपत्ति जनपद में बना ली थी। अब पुलिस ने अकबर की अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति की पड़ताल शुरू कर दी है। ताकि इसे जब्त किया जा जा सके। वहीं एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि नौचंदी थानाक्षेत्र के शास्त्रीनगर सेक्टर 11 मस्जिद के पास अकबर ने अलीशान बंगला बनाया है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में है। दो मकान फलावदा कस्बे में हैं। बहसूमा में खेती के लिए 155 बीघा जमीन खरीदी है। 20 बीघा महलका, 18 बीघा जमीन नारनौल, 20 बीघा जमीन मारवाड़ी, नौ बीघा फलावदा और नौ बीघा जमीन बदनौरा में है। इनके अलावा अकबर ने लिसाड़ी गेट के सौ फुटा रोड पर 15 दुकानें और तीन मकान भी बना रखे हैं।