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यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए भारत सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी

एडवायजरी में कहा गया है कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीज़ों के साथ जहां है वहां बने रहना ही बेहतर है बजाय इसके कि बिना समन्वय के सीमा पर पहुंच कर कठिनाई उठाएं. एडवायजरी में कहा गया है कि पूर्वी शहर (जैसे खारकीव) में जो भारतीय ख़ास तौर पर जो छात्र हैं, वे अगले निर्देश तक घरों के अंदर ही रहें या जहां पनाह लिए हैं, वहीं रहें

यूक्रेन (Ukraine) में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) से उसके अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना सीमा चौकियों पर नहीं जाने को कहा है. यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक और एडवायज़री जारी करते हुए कहा है कि जैसा कि रूस पूर्व सोवियत गणराज्य पर चौतरफा आक्रमण कर रहा है, और इस हमले में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं और बेताब तरीके से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं, इसलिए सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ़ न निकलें.रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच जारी जंग का आज तीसरा दिन है.

रूस की ओर से हमला जारी है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध और बातचीत के जरिए रूस पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. इसी बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर भारत सरकार ने नई एडवाइजरी जारी कर दी है.एडवायजरी में कहा गया है कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीज़ों के साथ जहां है वहां बने रहना ही बेहतर है बजाय इसके कि बिना समन्वय के सीमा पर पहुंच कर कठिनाई उठाएं. एडवायजरी में कहा गया है कि पूर्वी शहर (जैसे खारकीव) में जो भारतीय ख़ास तौर पर जो छात्र हैं, वे अगले निर्देश तक घरों के अंदर ही रहें या जहां पनाह लिए हैं, वहीं रहें.  एक सरकारी बयान में कहा गया है,

यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे बॉर्डर चेक प्वाइंट सीमा चौकियों (स्थापित हेल्पलाइन नंबर) और भारतीय दूतावास, कीव के आपातकालीन नंबरों पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी बॉर्डर चेक प्वाइंट पर न जाएं।चीनी राजदूत झांग जून ने कहा है कि हम मानते हैं कि एक देश की सुरक्षा दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकती है। क्षेत्रीय सुरक्षा को सैन्य ब्लॉक्स को बढ़ाने या विस्तार करने पर भरोसा नहीं करना चाहिए। सभी देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं का सम्मान किया जाना चाहिए। नाटो के पूर्व की ओर विस्तार के लगातार पांच दौर की पृष्ठभूमि के खिलाफ, रूस की वैध सुरक्षा आकांक्षाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए और ठीक से संबोधित किया जाना चाहिए।दूतावास ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के सीमा चौकियों तक पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों की मदद करना “अधिक कठिन” हो रहा है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा, भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पड़ोसी देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

यह एडवाइजरी उन खबरों के बीच आई है, जिनमें भारतीयों द्वारा लंबी दूरी तय करके यूक्रेन की सीमा पार कर पड़ोसी देशों में जाने की कोशिश की जा रही है, ताकि वहां से उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके.

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