विदेश

रूस की तरफ से यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग देश का दर्जा देने का आखिर क्या है मतलब,क्या होंगे इसके मायने और नतीजे?

पहली बार रूस ने कहा है कि वो डोनबास को यूक्रेन का क्षेत्र नहीं मानता. इससे रूस खुलेआम यूक्रेन के रूस समर्थक अलगाववादी क्षेत्रों में अपनी सेना भेज सकता है. तनाव बढ़ने पर दोनेत्सक और लुहांस्क के अलगाववादी रूसी सेना की मदद ले सकते हैं.

यूक्रेन के टुकड़े करने पर उतारू रूस ने एक बड़ा ऐलान करते हुए यूक्रेन के दो पूर्वी प्रांतों को स्वतंत्र देश का दर्जा दे दिया है. इन प्रांतों में रूस समर्थक अलगाववादी पहले ही अपने को यूक्रेन से अलग घोषित कर चुके थे. 2014 में रूस ने पूर्व सोवियत देश यूक्रेन के क्रीमिया को भी हथिया लिया था. उस दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में हजारों लोग मारे गए थे. इस हिंसा को रोकने के लिए मिंस्क समझौता हुआ था. इसके अनुसार इन क्षेत्रों को यूक्रेन के भीतर ही अधिक स्वायत्तता दिए जाने की बात थी. रूस ने भी इसे यूक्रेन समस्या का सबसे बेहतर उपाय बताया था लेकिन अब रूस की तरफ से यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहांस्क इलाकों को दो अलग देश घोषित करने के बाद अमेरिका (US) और नाटो (NATO) देशों ने कहा है कि रूस ने मिंस्क समझौता ख़त्म कर दिया है.अमेरिका और यूक्रेन के बीच बढ़ रहे तनाव का असर पूरे यूरोप में देखा जा रहा है. इस पूरे मामले की शुरुआत नवंबर से हुई जब वाशिंगटन ने यूक्रेनी सीमा के पास रूसी सेना की असामान्य गतिविधियों की सूचना दी.

अमेरिका को लगता है कि रूस फरवरी महीने में यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा है. उनका दावा है कि यूक्रेनी सीमा के पास करीब एक लाख रूसी सैनिक पिछले एक हफ्ते से डेरा डाले हुए हैं. वहीं अमेरिकी मिलिट्री एक्सपर्ट की मानें तो रूस सर्द मौसम को देखते हुए यूक्रेन के इर्द-गिर्द बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहा है.रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बादल गहरा गए हैं. इस दिशा में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहला कदम उठा लिया है. उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले दो इलाके- डोनेत्स्क और लुहान्स्क की आजादी को मान्यता दे दी है. इनकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजने के आदेश भी दे दिए हैं. इससे पहले, रूस ने इन इलाकों के अलगाववादी नेताओं के साथ समझौते पर साइन किए. इसके तुरंत बाद अमेरिका ने रूस के खिलाफ पहले पहले प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है. इसके तहत, अब कोई भी अमेरिकी नागरिक रूस और पूर्वी यूक्रेन के इन इलाकों में निवेश नहीं कर पाएगा. अखंड रूस बनाने की पुतिन की कथित सनक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
इस बीच सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो शहरों डोनेत्स्क और लुहांस्क (Luhansk) को स्वतंत्र के रूप में मान्यता दे दी है. रूसी राष्ट्रपति ने देश के नाम दिए अपने संबोधन में यूक्रेन को अमेरिका का उपनिवेश बताते हुए कहा कि यूक्रेन का शासन अमेरिका के हाथों की ‘कठपुतली’ है. यूक्रेन संकट पर रूस और अमेरिका के बीच बड़ा तनाव बना हुआ है. यूरोप (Europe) के लिए यह 1945 के बाद सबसे सुरक्षा संकट है. इस बीच रूस ने फ्रांस और जर्मनी को बताया कि वह पूर्वी यूक्रेन से अलग होने की घोषणा कर चुके इलाकों को रूस स्वतंत्र देश की मान्यता देने जा रहा है. रूस की इस घोषणा का असर दूरगामी होगा. अमेरिका पहले ही कह रहा था कि रूस यूक्रेन पर अपनी 190,000 सेनाओं के साथ हमला करने के लिए तैयार है.

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