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सेना के हाथ जिंदा लगे आतंकी ने बताई कहानी, 30 हजार रुपये देकर पाकिस्तान के कर्नल ने हमले के लिए भेजा था

भारतीय सेना ने आतंकी तबारक हुसैन को 21 अगस्त को पकड़ था। सेना के अस्पताल में भर्ती आतंकी तबारक हुसैन ने बताया, ‘मैं चार से पांच अन्य लोगों के साथ यहां एक आत्मघाती मिशन पर आया था।"

Pakistani Terrorist: जम्मू-कश्मीर के राजौरी से पकड़े गए एक आतंकवादी ने खुलासा किया है कि वह भारत में एक आत्मघाती मिशन को अंजाम देने वाले ग्रुप का हिस्सा था। भारतीय सेना ने आतंकी तबारक हुसैन को 21 अगस्त को पकड़ था। तीन-चार आतंकवादियों के साथ उसने  नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी।  हाल के हफ्तों में राजौरी और पुंछ जैसे जिलों में नियंत्रण रेखा पर आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है।

राजौरी में सेना के अस्पताल में भर्ती आतंकी तबारक हुसैन ने बताया, ‘मैं चार से पांच अन्य लोगों के साथ यहां एक आत्मघाती मिशन पर आया था … पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस द्वारा भेजा गया था। उसने मुझे भारतीय सेना पर वार करने के लिए 30,000 रुपये दिए थे। तबारक ने बताया कि उसके छह भाई है। परिवार में कुल 15 लोग हैं। तारबंदी के पास जब वह फायरिंग से घायल हुआ तो साथी आतंकी उसे छोड़कर भाग गए।”

रविवार शाम सेना के जवानों ने नौशेरा सेक्टर के सेहर मकरी इलाके में संदिग्ध हरकत देखी थी। सुरक्षा बलों का सामना करते हुए आतंकवादी एलओसी के पाकिस्तानी की ओर वापस भागने लगा था। अधिकारियों ने कहा, “सैनिकों ने उस पर गोलियां चलाईं और उसे घायल हालत में पकड़ लिया। उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उसे राजौरी में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।”

पूछताछ में पता चला कि उसे एलओसी पर सेना के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आत्मघाती दस्ते के तौर पर भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि यह दूसरी बार है जब उसने सीमा पार की है। इससे पहले 2016 में, उसे आईईडी लगाने की कोशिश करते हुए झंघर क्षेत्र में सैनिकों द्वारा पकड़ा गया था। 26 महीने की कैद के बाद उसे अटारी-वाघा सीमा से वापस लाया गया था।

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