साल के आखिरी दिन गुड न्यूज, दक्षिण अफ्रीका में कमजोर पड़ा ओमिक्रोन,टला ओमिक्रॉन का खतरा, हटाया गया नाइट कर्फ्यू
WHO की चेतावनी के बीच दक्षिण अफ्रीका से कोरोना का नए वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा टल गया है। लिहाजा यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया है। यहां हुए एक अध्ययन(study) में सामने आया है कि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
राष्ट्रपति कार्यालय के बयान में आगे कहा गया, ‘जहां समारोह स्थल छोटे हैं और जहां उचित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इतने लोग शामिल नहीं हो सकते, वहां समारोह स्थल की क्षमता से आधे लोग ही आमंत्रित किए जाएंगे। अन्य पाबंदिया पहले की ही तरह जारी रहेंगी। सभी संकेतक इस ओर इशारा करते हैं कि देश राष्ट्रीय स्तर पर चौथी लहर के चरम को पार कर गया है।इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में सार्वजनिक आंदोलनों पर से भी प्रतिबंध हटा दिया है। नए नियम के मुताबिक, बंद कमरे या हॉल में 1000 और बाहर 2000 लोग सभाएं कर सकते हैं। इसके अलावा शराब की दुकानें रात 11 बजे के बाद भी खुल सकेंगी। हालांकि, कुछ शर्तें जरूरी लागू की जाएंगी। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है।
ओमिक्रोन का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था।पिछले शनिवार को समाप्त हुए सप्ताह में संक्रमण के 89,781 मामलों की पुष्टि हुई थी जो इससे पहले के सप्ताह के 1,27,753 के आंकड़े से कम है। दक्षिण अफ्रीका में महामारी के दौरान कोविड के करीब 35 लाख मामले सामने आए और 90,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। कर्फ्यू की अवधि में ढील दिये जाने में देश में टीकाकरण का स्तर, अस्पताल में कम संख्या में संक्रमितों के भर्ती होने सहित अन्य कारकों की भूमिका रही है। हालांकि, ओमीक्रोन स्वरूप के बेहद संक्रामक होने की वजह से संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने का खतरा अब भी अधिक है।
हालांकि अब यहां संक्रमण का खतरा कम हुआ है। दक्षिण अफ्रीका से बाहर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोरोनावायरस के मामलों में यहां कोई वृद्धि नहीं हुई है। इस वैरिएंट अस्पताल में भर्ती होने और मौतों में भी उछाल नहीं आया है। इसमें यह भी कहा गया कि पिछले हफ्तों में देश के 9 प्रांतों में से 2 को छोड़ कर शेष स्थानों पर मामलों की संख्या कम हुई है।इस स्टडी में दक्षिण अफ्रीका के शहर तशवेन के मामले देखे गए। यहां कोरोना के मामलों में चौथी बार वृद्धि हुई है। यहां कोरोना तेजी से फैला लेकिन शुरुआत के चार हफ्ते में ही कम भी हो गया। स्टडी में यहां के अस्पतालों के रिकॉर्ड देखे गए। यहां 5 दिसंबर को कोरोना की लहर चरम पर थी। यहां लोगों में संक्रमण फैलाने में ओमिक्रोन 95 प्रतिशत तक जिम्मेदार है। दक्षिण अफ्रीका के मेडिकल रिसर्च काउंसिल के एड्स और तपेदिक अनुसंधान के निदेशक फरीद अब्दुल्ला ने twitter पर लिखा, “जिस गति से ओमिक्रोन से चौथी लहर बढ़ी, चरम पर पहुंची और फिर घट गई, वह चौंका देने वाली है।