विदेश

QUAD ने चीन को लेकर की चर्चा,जब एक बड़ा देश समझौतों का उल्लंघन करता है :सीमा पर चीन की हरकतों को लेकर बोले विदेश मंत्री

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि जब कोई बड़ा देश लिखित समझौतों की अवहेलना करता है तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होता है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर निशाना साधा है. उन्‍होंने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा स्थिति चीन द्वारा सीमा पर सैनिकों को एकत्र न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण पैदा हुई है. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि जब कोई बड़ा देश लिखित समझौतों की अवहेलना करता है तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय होता है. उन्होंने भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पर एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया. मेलबर्न में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हम इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया है. सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं. बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है. हमने (क्वाड) में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है. इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रुचि लेते हैं, खासकर अगर वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या शुक्रवार को यहां ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा हुई, जयशंकर ने हां में जवाब दिया. उन्होंने कहा, हां, हमने (क्वाड) भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह, हमारे पड़ोस में होने वाले घटनाक्रम की जानकारी एक दूसरे को देने के तरीके का एक हिस्सा है. यह एक ऐसा मसला है जिनमें कई देशों ने को रुचि है. खासतौर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश.’विदेश मंत्री ने आगे कहा, चीन द्वारा 2020 में सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती ना करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया संग जारी संबंधों को लेकर कहा कि कोविड के इस बहुत कठिन दौर में भी दोनों देशों के बीच लगातार बहुत सी चर्चाएं हुई हैं, जो हमारे संबंधों में आए बड़े परिवर्तन को दर्शाती हैं.

गौरतलब है कि पैंगोंग झील में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हुआ तथा दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों को सीमा पर भेजकर अपनी तैनाती धीरे-धीरे बढ़ा ली है. दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव पैदा हुआ था. वहीं चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक ‘‘उपकरण” की तरह है और यह टकराव को तेज करने के लिए ‘‘जानबूझकर उठाया गया कदम” है जो सफल नहीं होगा. क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन का मानना ​​है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है.” उन्होंने कहा, ‘‘यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है.”

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