यूक्रेन में फंसी भारतीय छात्रा ने बयां किया दर्द, एम्बेसी बोली- जहां हैं वहीं 6 दिन रहें, पाकिस्तानी पूछ रहे- आपकी सरकार हमारी मदद करेगी क्या
भारत से पढ़ाई करने गए कई स्टूडेंट्स यू्क्रेन में फंस गए हैं। स्टूडेंट्स सोशल मीडिया के जरिए सरकार से यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए गुहार लगा रहे हैं तो वहीं स्टूडेंट्स के परिजन परेशान हैं।
रूस ने यूक्रेन पर आज तड़के हमला कर दिया है। इससे वहां अलग-अलग शहरों की यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र फंस गए हैं। सभी में डर का माहौल है। सुबह छात्रों का कहना था कि इंडियन एम्बेसी में फोन रिसीव नहीं हो रहे हैं, जिससे उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। हालांकि दोपहर तक एम्बेसी ने करीब 150 छात्रों को रेस्क्यू किया है। जो छात्र रेस्क्यू नहीं हो पाए हैं, वे अपने हॉस्टल और घरों में छिपे हुए हैं। वहीं एम्बेसी ने भी भारतीय स्टूडेंट को फ्लैट से निकलने काे मना कर दिया है। कहा गया है कि 6 दिन तक वे जहां, जैसे हैं, उसी हालत में निकालें।
यही नहीं, एम्बेसी ने उन्हें एटीएम तक जाने से भी रोका है, क्योंकि उनके साथ लूट की घटना हो सकती है। इस बीच हमारे स्टूडेंट्स के साथ पढ़ाने करने वाले पाकिस्तानी स्टूडेंट्स पूछ रहे हैं कि क्या भारत सरकार उनकी मदद करेगी। इन हालात में हम आपको यूक्रेन में फंसे राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, UP, MP, हिमाचल और गुजरात के छात्रों की लाइव कहानी उन्हीं की जुबानी बता रहे हैं।रूस-यूक्रेन में वार (Russia Ukraine War) छिड़ गया है। नाटो देश जहां रूस को यूक्रेन से सेना वापसा बुलाने तक की चेतावनी दी तो वहीं रूस पीछे हटाने को तैयार नहीं हो रहा है। वहीं, भारत से पढ़ाई करने गए कई स्टूडेंट्स यू्क्रेन में फंस गए हैं। स्टूडेंट्स सोशल मीडिया के जरिए सरकार से यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए गुहार लगा रहे हैं
तो वहीं स्टूडेंट्स के परिजन परेशान हैं। यूक्रेन में यूपी के कई जिलों के भी स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। इनमें गाजियाबाद, आजमगढ़, आगरा, मैनपुरी, कासगंज, सहारनपुर, देवरिया और हरदोई सहित कई और जिलों के स्टूडेंट्स शामिल हैं।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, इस समय रूस की राजधानी मास्को की यात्रा पर हैं, वहीं कीव में कुछ पाकिस्तानी भारतीयों से मदद मांग रहे हैं। कीव में फंसी एक स्टूडेंट ने बताया कि पाकिस्तानियों को उनकी एम्बेसी से कोई मदद नहीं मिल रही है। इससे परेशान कई स्टूडेंट्स हमारे सामने रो पड़े। उन्होंने हमसे पूछा कि क्या भारत सरकार हमारी मदद करेगी। स्टूडेंट ने बताया कि एम्बेसी से हमें ही अभी मदद नहीं मिल रही, ऐसे में हम उन्हें कोई दिलासा नहीं दे पाए।
वहां फंसे स्टूडेंट्स ने दैनिक भास्कर को बताया कि भारत लौटने के लिए वे कीव जा रहे थे, लेकिन कीव पर हमले की सूचना के बाद वहां जाने वाली सभी ट्रेनें जहां थीं, वहीं खड़ी कर दी गई। करीब 3 घंटे बाद हम जैसे-तैसे कीव पहुंचे हैं।मंडावर के मंगल बाजार निवासी सुहेल एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्र है। उसने बताया कि वह फ्लाइट पकडऩे के लिए ट्रेन में बैठा था, जब एयरपोर्ट पर बम फटा। कुछ ही घंटों में उसकी फ्लाइट उड़ान भर लेती। बमबारी होने पर वे काफी देर तक एयरपोर्ट पर रुके रहे। इसके बाद भारतीय दूतावास गए और उन्हें भारत भिजवाने की मांग की। दूतावास से उन्हें पास के एक स्कूल के हॉल में ठहराया