मुख्यमंत्री नीतीश दिखे पुराने अंदाज में, सुनी 150 से अधिक कार्यकर्ताओं की समस्याएं, जेडीयू के दफ्तर में दी दस्तक
बिहार सरकार की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों को लेकर भी सीएम की तरफ से फीडबैक लिया गया। इसके साथ ही पार्टी को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यकर्ताओं से चर्चा भी की गई। बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य में जातिगत जनगणना करने के लिए सभी दलों के साथ बातचीत की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की जमीन मजबूत करने और 2020 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटों वाली पार्टी होने के तमगे से उबरने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है। जिसमें नीतीश का साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बखूबी दे रहे हैं। संगठन की जमीनी हकीकत को भांपने के इरादे से नीतीश कुमार बीते दिनों न केवल पार्टी ऑफिस पहुंचे बल्कि पार्टी के 150 से अधिक कार्यकर्ताओं की समस्याएं भी सुनी और आवश्यक निर्देश भी जारी किए।
दरअसल, प्रदेश कार्यालय आकर नीतीश कुमार पहले भी कार्यकर्ताओं से संवाद करते रहे हैं। कोविड काल की वजह से ये संवाद बीच में रूक गया था। लेकिन अब कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद नीतीश ने एक बार फिर से जेडीयू के दफ्तर में दस्तक दी।
सभी दलों से जातिगत जनगणना को लेकर बात की जाएगी
बिहार सरकार की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों को लेकर भी सीएम की तरफ से फीडबैक लिया गया। इसके साथ ही पार्टी को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यकर्ताओं से चर्चा भी की गई। बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य में जातिगत जनगणना करने के लिए सभी दलों के साथ बातचीत की जाएगी। सरकार ने जातिगत जनगणना लागू करने के लिए पूरा जायजा कर लिया है लेकिन हम चाहते हैं कि सभी दल एक बार इस विषय पर अपनी राय रखें।
पेपर लीक के मामले को लेकर कही ये बात
पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीपीएससी पेपर लीक के मामले को लेकर कहा है कि पेपर लीक की सूचना मिली तो तुरंत एक्शन लेते हुए उसे रद्ध किया गया। अभी जांच की जा रही है कि पेपर कहां से लीक हुआ? मैंने पुलिस को जांच में तेजी लाने के लिए कहा है। जिस व्यक्ति ने भी पेपर लीक किया उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बता दें कि 8 मई को बीपीएससी परीक्षा की पेपर लीक होने की बात दोपहर से आनी शुरू हुई जिसके बाद बीपीएससी ने अपनी कमेटी बैठाकर जांच पड़ताल की और पता चला कि पेपर का सेट-सी लीक हुआ है जिसके बाद उन्होंने परीक्षा रद्द कर दी गई।