मो. जावेद के घर पर सिर्फ नोटिस देकर चलाया गया बुलडोजर, हाईकोर्ट चीफ जस्टिस बोले- यह पूरी तरह गैरकानूनी
रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कथित तौर पर प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का घर बुलडोजर से ढहा दिया। जावेद के घर को गिराने की कार्रवाई भी संयोगवश हिंसक प्रदर्शन के दो दिन बादी ही की गई।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रविवार को कथित तौर पर प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का घर बुलडोजर से ढहा दिया। हालांकि पीडीए की इस कार्रवाई का प्रयागराज हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था। एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर को लेकर टिप्पणी की थी जिसके बाद पूरे देश में इस बात को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रयागराज में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे जिसका मास्टरमाइंड कथित तौर पर जावेद को बताया जा रहा है। जावेद के घर को गिराने की कार्रवाई भी संयोगवश हिंसक प्रदर्शन के दो दिन बादी ही की गई।
जावेद शहर के नागरिक समाज के प्रमुख सदस्य और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के सदस्य हैं और उनकी बेटी आफरीन फातिमा पार्टी की छात्र शाखा फ्रेटरनिटी मूवमेंट की राष्ट्रीय सचिव है। पुलिस ने शनिवार को 54 वर्षीय जावेद पंप को गिरफ्तार किया और दावा किया कि वह शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन के साजिशकर्ताओं में से एक था। एसएसपी अजय कुमार ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान जावेद ने कहा कि आफरीन अक्सर उसे सुझाव देती थी।
पार्टी करेगी जावेद की पूरी मदद
उन्होंने ये भी बताया है कि उनकी प्रारंभिक जांच में उन्हें आफरीन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। जावेद की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष इलियास एसक्यूआर ने कहा, “… हम कानूनी रूप से उनकी (जावेद) मदद करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उसे फंसाया जा रहा है…”
कोरोना लहर में जावेद ने 24 घंटे किया था काम
एक कार्यकर्ता ने जावेद के बारे में बताते हुए कहा, “प्रयागराज में पिछले 30 सालों से जावेद कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे हैं। साल 2020 में हुए सीएए विरोध के लिए कौन नहीं था? इस विरोध प्रदर्शन में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, नास्तिक… सभी ने हिस्सा लिया और जावेद ने भी।” पार्टी के एक सदस्य ने बताया, “जावेद ने महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान “चौबीसों घंटे काम किया।”
वहीं जावेद की बेटी आफरीन फातिमा पिछले कई सालों से छात्र राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से भाषा विज्ञान में बीए ऑनर्स किया। उसने दिल्ली के जेएनयू से भाषा विज्ञान में अपने मास्टर के लिए दाखिला लिया। जहां साल 2019 में वह छात्र संघ में एक पार्षद के रूप में चुनी गई। उन्होंने 2021 में जेएनयू से स्नातक किया। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, “आफरीन मेरी काउंसिल का हिस्सा थीं और कैंपस में एक बहुत ही मुखर छात्र कार्यकर्ता थीं। हम उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें जो भी मदद की जरूरत होगी, हम देंगे।”
बुलडोजर कार्रवाई पूरी तरह से अवैधः हाई कोर्ट के पूर्व जज
रविवार को जावेद पंप का घर बुलडोजर से गिराए जाने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा, “यह पूरी तरह से अवैध है। भले ही आप एक पल के लिए भी मान लें कि निर्माण अवैध था, वैसे ही देश में करोड़ों भारतीय कैसे रहते हैं, जब घर के निवासी हिरासत में तो आपको इस बात की इजाजत नहीं है कि आप उसके घर को ध्वस्त कर दें। पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा,यह तकनीकी मुद्दा नहीं बल्कि कानून के शासन का सवाल है।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का योगी सरकार पर बोला हमला
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रयागराज में जावेद पंप के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर चलाए जाने के बाद हमला बोला है। ओवैसी ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए हैं। वह किसी को भी दोषी ठहराएंगे और उनके घरों पर बुलडोजर चलाकर तोड़ देंगे? ओवैसी ने कहा, जो मकान गिराया गया वह आरोपी की पत्नी के नाम पर है जो कि एक मुस्लिम महिला है।
सीएए के विरोधी प्रदर्शनकारियों के पोस्टर को बताया था गैरकानूनी
पूर्व जज की ये टिप्पणियां इस मामले को लेकर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये वही माथुर हैं जिन्होंने 8 मार्च, 2020, रविवार को, सीएए विरोध प्रदर्शनों में आरोपियों के शहर भर में “नाम और शर्म” के पोस्टर लगाने के लखनऊ प्रशासन के विवादास्पद निर्णय पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने माना कि सरकार के इस कदम को गैरकानूनी बताया गया और आरोपी के निजता के अधिकार का उल्लंघन किया गया।