अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयर में निवेश करने का शानदार मौका,खुल रहा है 3600 करोड़ का इश्यू
अडानी ग्रुप की एक एफएमसीजी (FMCG) कंपनी है, अडानी विल्मर , जिसका बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) आज यानी 27 जनवरी को खुल गया है, इस पर आगामी 31 जनवरी तक बोली लगाई जा सकती है.
जानकारी के अनुसार, कंपनी का इश्यू पूरी तरह फ्रेश शेयर है यानी इश्यू से जुटाया गया पूरा पैसा कंपनी के पास जाएगा. Adani Wilmar का इश्यू 31 जनवरी को बंद होगा. अडानी विल्मर ने बताया की IPO से मिली रकम में से 1,900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिचर में किया जाएगा. वहीं करीब 1,058.9 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी के ऊपर लदे कर्ज को कम करने में किया जाएगा और बाकी 450 करोड़ रुपये रणनीतिक अधिग्रहण और निवेश के दूसरे मौकों में खर्च किए जाएंगे.अगर आप प्राइमरी मार्केट में पैसे लगाकर कमाई करने की सोच रहे हैं
तोआपके पास आज यानी 27 जनवरी से बेहतर मौका है. साल 2022 का दूसरा IPO Adani Wilmar आज से निवेश के लिए खुल रहा है. Adani Wilmar का अपने IPO के जरिए 3600 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है. कंपनी ने इसके लिए प्राइस बैंड 218-230 रुपये प्रति शेयर तय किया है. इस इश्यू में 31 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. अडानी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड से एडिबल ऑयल और दूसरे फूड प्रोडक्ट बनाती है. अडानी ग्रुप की इस कंपनी के IPO को लेकर ब्रोकरेज हाउस पॉजिटिव दिख रहे हैं. उन्होंने IPO के लिए वैल्युएशन को आकर्षक बताया है और सब्सक्राइब करने की सलाह है.
Adani Wilmar के IPO में 1 रुपये के फेस वैल्यू पर 3600 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जएंगे. इस इश्यू में ऑफर फॉर सेल (OFS) नहीं होगा. पहले कंपनी ने IPO का साइज 4500 करोड़ रुपये का रखा था, हालांकि बाद में इसे घटाकर 3600 करोड़ रुपये कर दिया. कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए 107 करोड़ रुपये के शेयर रिजर्व रखे हैं. उन्हें बिडिंग में 21 रुपये प्रति शेयर की छूट मिलेगी. यह अडनी ग्रुप की बाजार में लिस्ट होने वाली 7वीं कंपनी होगी.च्वाइस ब्रोकिंग एक्सपर्ट्स की मानें तो अडानी विल्मर के पास मजबूत ब्रांड रिकॉल, व्यापक डिस्ट्रीब्यूशन, बेहतर वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड और हेल्दी ROE है. सभी पॉजिटिव फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए ये माना जा रहा है कि ये वैल्युएशन रिजनबले लेवल पर है. इस प्रकार, इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए इस इश्यू सब्सक्रिप्शन को ‘रेटिंग’ की सलाह देते हैं. वहीं, एंजेल वन ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में अस्थिरता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि कंपनी की लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती है