अफगानिस्तान में तालिबान का बेतुका फरमान,महिलाएं अकेले नहीं कर सकेंगी बस में यात्रा, यात्रा के लिए पुरुष रिश्तेदार का होना जरूरी
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने इन फरमानों से मानवाधिकार संगठन बेहद नाराज है. महिला अधिकारों से जुड़ी एक कार्यकर्ता हीथर बरार ने कहा कि, यह नया आदेश महिलाओं को कैद में रखने की दिशा में एक और नया कदम है. यह आदेश महिलाओं को स्वतंत्र रूप से घूमने, रोजगार के सिलसिले में होने वाली यात्राएं और दूसरे शहर जाने वाली ट्रैवल से जुड़ी आजादी पर अंकुश लगा देगा.
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने इन फरमानों से मानवाधिकार संगठन बेहद नाराज है. महिला अधिकारों से जुड़ी एक कार्यकर्ता हीथर बरार ने कहा कि, यह नया आदेश महिलाओं को कैद में रखने की दिशा में एक और नया कदम है. यह आदेश महिलाओं को स्वतंत्र रूप से घूमने, रोजगार के सिलसिले में होने वाली यात्राएं और दूसरे शहर जाने वाली ट्रैवल से जुड़ी आजादी पर अंकुश लगा देगा.इससे पहले भी तालिबान सरकार ऐसे कई आदेश जारी कर चुकी है जिनमें महिला अधिकारों की कटौती की गई है. बड़ी संख्या में महिलाओं को सरकारी नौकरी करने से रोका जा चुका है. 15 अगस्त को लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान ने कहा था कि अब वे बदल चुके हैं । ये दिशा-निर्देश ऐसे समय पर आया है
जब कुछ हफ्ते पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान के टेलीविजन चैनलों को महिलाओं वाले सीरियल और फिल्मों को दिखाने पर रोक लगा दी थी। मंत्रालय ने ये भी कहा था कि महिला टीवी पत्रकारों को न्यूज पढ़ते समय हिजाब पहनना होगा। और महिलाओं व देश के अन्य कमजोर तबकों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा. तालिबान के सत्ता में आने पर दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों ने महिलाओं की स्थिति बदतर होने का डर जताया था. नए निर्देशों की आलोचना करते हुए मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच की सह-निदेशक (महिला अधिकार) ने कहा, “यह नया आदेश महिलाओं को कैद करने की दिशा में एक और कदम है.