राजनीति

आज मायावती करेंगी आगरा से इलेक्‍शन कैंपेन का आगाज, आज की रैली से साफ होगा मायावती का रुख

UP Election 2022 के लिए आज से बसपा प्रमुख मायावती आगरा में दलितों से पार्टी के उम्मीदवारों को वोट करने की अपील करेंगी। गौरतलब है कि कभी यूपी की राजनीति में अपना दबदबा रखने वाली बसपा इस चुनाव में हाशिए पर दिखाई दे रही है।

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार से अपना चुनावी अभियान शुरू करेंगी। बसपा सुप्रीमो इसकी शुरुआत आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान से करेंगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा और मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी  इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

मायावती का रुख आज की रैली से साफ होगा

बता दें कि यूपी चुनाव से पहले बसपा की सक्रियता कम होने की खबरों के बीच मायावती आज दलितों से पार्टी के उम्मीदवारों को वोट करने की अपील करेंगी। ऐसे में आज सबकी नजर मायावती की रैली पर होगी।  जिसमें उनके भाषणों से साफ होगा कि बसपा चुनाव में अकेले तटस्थ रहेगी या किसी के साथ गठबंधन के विकल्प के साथ मैदान में उतरेगी।

दरअसल कभी यूपी की राजनीति में अपना दबदबा रखने वाली बसपा इस चुनाव में हाशिए पर दिखाई दे रही है। सूबे में इस बात की भी चर्चा है कि चार बार यूपी की सीएम रहने वाली मायावती क्या दलित वोटों पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए लड़ेंगी? क्या इसके लिए जमीन तैयार करेंगी?

क्या मायावती बनेंगी किंगमेकर ?

मायावती के कट्टर समर्थकों का इन सवालों के बीच कहना है कि 10 मार्च को मतगणना के बाद “बहनजी” किंगमेकर होंगी। वैसे इस चुनाव में बात की भी चर्चा है कि बसपा और भाजपा के बीच डील हुई है। इसको लेकर कासगंज में राजावती चौराहा के एक दर्जी बिरेश कुमार का कहना है कि मैं अफवाहें सुन रहा हूं कि उन्होंने कई निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के साथ समझौता किया है।

बिरेश कुमार ने कहा कि इससे हमारे समुदाय में कई लोगों ने तय किया कि वे अन्य पार्टियों का समर्थन करेंगे। लेकिन हमारे युवाओं का योगी आदित्यनाथ सरकार से मोहभंग हो गया है। इसलिए कुछ का कहना है कि वो सपा को समर्थन देंगे।

बता दें कि बसपा को दलितों में विशेष रूप से जाटवों का भारी समर्थन प्राप्त है। 2017 में 403 सीटों पर बसपा ने चुनाव लड़ा था लेकिन केवल 19 पर जीत नसीब हुई थी। हालांकि पार्टी का वोट शेयर 22.23 प्रतिशत था। ऐसे में इस वोट शेयर से मायावती यूपी राजनीति के केंद्र में आने की कोशिश करेंगी। लेकिन उनके लिए यह राह आसान नहीं है। पिछले दिनों की बसपा की राजनीति देखी जाये तो मायावती अक्सर अपने ट्वीट से ही सपा, कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधती नजर आई हैं।

यूपी में जहां एक तरफ सपा ने तमाम छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाया है वहीं बसपा के पत्ते अभी पूरी तरह से खुले नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2 फरवरी को अपने चुनावी अभियान की शुरुआत से बसपा साफ करेगी कि वो अकेले चुनाव लड़ेगी फिर किसी को समर्थन देंगी। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि अगर मायावती अपने आधार दलित वोटों को बचाये रखने में कामयाब हुईं तो नतीजों के बाद वो किंगमेकर की भूमिका निभा सकती हैं।

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