एबीजी के पूर्व चेयरमैन ऋषि अग्रवाल पहुंचे सीबीआई मुख्यालय,22 हजार करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का है आरोप
घोटाले को लेकर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर 'लूटो व भागो नीति' अपनाने का आरोप लगाया था। हालांकि इसके बाद सीबीआई ने बयान जारी कर कहा था कि यह मामला यूपीए काल का है। कंपनी को दिया गया कर्ज 2013 में एनपीए बना था।
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला मामले से जुड़ी एबीजी शिपयार्ड कंपनी के पूर्व चेयरमैन व एमडी ऋषि अग्रवाल सोमवार को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। उनसे घोटाले को लेकर पूछताछ की जाएगी। ऋषि अग्रवाल, जिनपर 22 हजार करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का आरोप है वह आज सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे हैं. दिल्ली में वह जांच में शामिल हो रहे हैं. ऋषि अग्रवाल ABG Shipyard के पूर्व चेयरमैन और एमडी रहे हैं.
इससे पहले भी ऋषि अग्रवाल से सीबीआई ने घंटों पूछताछ की थी. ऋषि पर 28 बैंकों के साथ 22 हजार 842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. इस मामले में में उनके खिलाफ 7 फरवरी को CBI ने केस दर्ज किया था. ऋषि अग्रवाल शशि रुइया और रवि रुइया के भांजे हैं. रुइया बंधू एस्सार ग्रुप के मालिक हैं.
घोटाले को लेकर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर ‘लूटो व भागो नीति’ अपनाने का आरोप लगाया था। हालांकि इसके बाद सीबीआई ने बयान जारी कर कहा था कि यह मामला यूपीए काल का है। कंपनी को दिया गया कर्ज 2013 में एनपीए बना था।
एबीजी शिपयार्ड घोटाला करीब 23 हजार करोड़ का बताया जा रहा है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। पानी के जहाज बनाने वाली कंपनी एबीजी शिपयार्ड ने 28 बैंकों को चूना लगाकर 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। यह घोटाला विजय माल्या के 9 हजार करोड़ और नीरव मोदी 14 हजार करोड़ से भी काफी ज्यादा है।ऋषि अग्रवाल पर कारोबार के नाम पर कर्ज लेकर उसका गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. CBI के मुताबिक, 28 बैंकों से 22 हजार 842 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है. CBI ने ऋषि अग्रवाल के अलावा कंपनी के एमडी संथान मुथुस्वामी और तीन डायरेक्टर अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमन नेवेतिया के खिलाफ CBI ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के केस दर्ज किए हैं.एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत साल 1985 में हुई थी। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। इस कंपनी ने 1991 तक तगड़ा मुनाफा कमाते हुए देश-विदेश से बड़े ऑर्डर हासिल किए।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ और इसके बाद एबीजी शिपयार्ड की हालत पतली होती गई। अपनी वित्तीय हालत का हवाला देते हुए कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिया और इस सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया। स्टेट बैंक की शिकायत के मुताबिक, कंपनी ने बैंक से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़ , आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ , इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ का कर्ज लिया। इस तरह से कंपनी ने कुल 28 बैंकों से कर्ज लिया।