कर दीजिये अनइंस्टॉल ये ऐप्स: एंटी वायरस बताकर चुराता था डेटा, गूगल ने हटाया प्ले स्टोर से
शार्कबॉट एक एंड्रॉइड स्टीयर है जिसका उपयोग डिवाइसों को संक्रमित करने और किसी भी यूजर्स से लॉगिन क्रेडेंशियल और बैंक विवरण की जानकारी चोरी करने के लिए किया जाता है।
छह एंटी वायरस ऐप्स को Google ने प्ले स्टोर से हटा दिया है। क्योंकि ये ऐप्स लोगों के बैंक डिटेल चोरी करता था। अभी तक प्ले स्टोर से 15,000 बार इन ऐप्स को डाउनलोड किया जा चुका है। यह सभी स्मार्टफोन के लिए एंटीवायरस सुविधा प्रदान करते थे और कई वेबसाइटों व सेवाओं को ओपेन किए जाने पर पर्सनल जानकारी को चुराते थे। ज्यादातर इटली और यूनाइटेड किंगडम में इन ऐप्स का इस्तेमाल किया गया था।
चेक प्वाइंट रिसर्च के एक ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, Google Play स्टोर पर वास्तविक एंटीवायरस ऐप होने का दिखावा करने वाले छह एंड्रॉइड एप्लिकेशन को शार्कबॉट मैलवेयर के लिए “ड्रॉपर” के रूप में पहचाना गया था। शार्कबॉट एक एंड्रॉइड स्टीयर है जिसका उपयोग डिवाइसों को संक्रमित करने और किसी भी यूजर्स से लॉगिन क्रेडेंशियल और बैंक विवरण की जानकारी चोरी करने के लिए किया जाता है। वहीं ड्रॉपर एप्लिकेशन की बाद करें तो इसके इंस्टॉल होने के बाद, इसका उपयोग उपयोगकर्ता के डिवाइस को संक्रमित करने के लिए किया जा सकता है।
पूरी निगरानी रखती है ऐप्स यूजर्स पर
चेक प्वाइंट रिसर्च की टीम बताती है कि शार्कबॉट मैलवेयर को चीन, भारत, रोमानिया, रूस, यूक्रेन या बेलारूस के उपयोगकर्ताओं के लिए बनाया गया था और लोगों द्वारा इसका उपयोग भी किया जाता है। इन ऐप्स के मैलेवर द्वारा यह पता लगाया जाता था कि यूजर्स कब-कब अपने फोन का इस्तेमाल कर रहा है और कौन-कौन सी एक्टिविटी कर रहा है।
रिसर्च में बताया गया है कि तीन डेवलपर खातों से छह ऐप्स की पहचान की गई है। जिसमें Zbynek Adamcik, Adelmio Pagnotto और Bingo Like Inc हैं। प्लेस्टोर से हटाने के बाद भी ये ऐप्स बाजार में तीसरे पक्ष के पास अभी भी उपलब्ध है।
हटाया गए कुल 6 ऐप्स
चार दुर्भावनापूर्ण ऐप्स की खोज 25 फरवरी को की गई और Google को इसकी सूचना 3 मार्च को दी गई। प्ले स्टोर से 9 मार्च को एप्लिकेशन हटा दिए गए थे। इस बीच, 15 मार्च और 22 मार्च को दो और शार्कबॉट ड्रॉपर ऐप खोजे गए – 27 मार्च को दोनों को कथित तौर पर हटा दिया गया था।
प्ले स्टोर या कहीं से भी ऐप्स डाउनलोड करते वक्त लोगों को उसकी पॉलिसी और टर्म को अच्छे तरीके से पढ़ लेना चाहिए। हमेशा उन्हीं ऐप्स या सॉफ्टवेयर पर भरोसा जताना चाहिए, जिसकी विश्वसनीयता है। इसके अलावा अगर आपको कोई ऐप्स गलत लग रहा है तो उसकी रिपोर्ट भी गूगल को कर सकते हैं।