क्या है मायावती का Plan भाई आनंद कुमार को बीएसपी में दी अहम जिम्मेदारी,भतीजे आकाश आनंद को भी मिला बड़ा पद
बसपा सुप्रीमो मायावती विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही मिशन-2024 की तैयारियों में जुट गई हैं। बसपा में राष्ट्रीय स्तर पर नए सिरे से जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अब सिर्फ एक ही कोआर्डिनेटर आकाश आनंद रहेंगे। रामजी गौतम को इस पद से हटा दिया गया है। राष्ट्रीय महासचिव की संख्या पांच से बढ़ाकर छह कर दी गई है।
बसपा सुप्रीमो ने लखनऊ में दो दिन राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला किया। देश में दो साल बाद यानी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नए सिर से जिम्मेदारियां तय की गई हैं। देश के सभी राज्यों को सात सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर का अलग-अलग प्रभारी बनाया गया है। प्रभारी सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय के लिए भतीजे आकाश आनंद काम करेंगे। आकाश राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं पर नजर रखेंगे और बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर काम करेंगे।
रामजी गौतम, सांसद अशोक सिद्धार्थ, धर्मवीर अशोक, रणधीर सिंह बेनीवाल, दिनेश चंद्रा, सुबोध कुमार और लालजी मेधंकर को बनाया अलग-अलग राज्यों का प्रभारी बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने 2024 की चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. मायावती ने अपने सिपहसलारों को नई जिम्मेदारी सौंप दी है, जिसमें उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को अहम भूमिका में रखा है. एक बार फिर से आनंद कुमार को अहम भूमिका में रखा है. एक बार फिर से आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है तो आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. मायावती ने इस तरह से बसपा में नंबर दो की पोजिशन पर भाई और भतीजे को बैठाया है
बसपा सुप्रीमो मायावती विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के साथ ही मिशन-2024 की तैयारियों में जुट गई हैं। बसपा में राष्ट्रीय स्तर पर नए सिरे से जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अब सिर्फ एक ही कोआर्डिनेटर आकाश आनंद रहेंगे। रामजी गौतम को इस पद से हटा दिया गया है। राष्ट्रीय महासचिव की संख्या पांच से बढ़ाकर छह कर दी गई है।