राज्यसभा में कांग्रेस पर भड़कीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, बोलीं-70 सालों में सिर्फ एक परिवार को हुआ फायदा,इंफ्रा पर 1 रुपये के खर्च से GDP को मिलते हैं 3 रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट पर राज्यसभा में जवाब दे रही हैं। बता दें कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को आम बजट 2022-23 पेश किया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में केंद्रीय बजट (Budget 2022) पर चर्चा का जवाब दे रही हैं। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से निरंतरता आएगी और ये बजट अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाएगा।
ये बजट स्थिरता की बात करता है, इस बजट में पिछले साल की कुछ योजनाओं को आगे बढ़ाया गया है और वो योजनाएं आने वाले 25 सालों में हमारा मार्गदर्शन करेंगी।उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार इंफ्रा पर जो खर्च करती है, यानी कैपेक्स, उसका मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है.
इसके कई डेटा हैं कि इंफ्रा पर खर्च किया गया एक रुपया जीडीपी को 2.99 रुपये देता है, जबकि आप अगर सीधे लोगों के हाथ में पैसा देता है तो जीडीपी को 0.95 रुपये मिलते हैं. इन आंकड़ों पर प्रश्न उठाए जा सकते हैं, लेकिन इनमें बहुत ज्यादा अंतर नहीं आएगा. इसलिए हमने इस साल के बजट में पिछले साल शुरू की गई इस पॉलिसी को कंटीन्यू रखा.निर्मला ने आगे कहा कि भारत में स्टार्टअप के लिए बेहतर सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए 25 साल का रोडमैप जरूरी है। हमारा पूरा जोर आर्थिक विकास पर है।
उन्होंने कहा कि देश में 20 से ज्यादा स्टार्टअप यूनिकार्न बनाए गए हैं। इस बजट में तकनीक को प्राथमिकता दी गई है, इसका एक उदाहरण कृषि में सुधार करने और उसको माडर्न बनाने के लिए ड्रोन को लाना है।
स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, हमने देखा कि देश में जिस मजबूती के साथ स्टार्टअप आ रहे हैं ऐसा विश्व में कहीं नहीं हुआ।तत्काल राहत के उपाय नहीं किए जाने से जुड़े एक सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसा सही नहीं है. मैं सिर्फ भविष्य की ओर नहीं देख रही हूंबल्कि ये बजट पिछले साल के बजट की कंटीन्यूनिटी है. हमने पिछले साल कुछ क्रिटिकली पॉलिसी बनाई थी, इसमें पब्लिक एंटरप्राइजेज के प्राइवेटाइजेशन के लिए पॉलिसी बनाई.
इसके अलावा हमने सभी सेक्टर को प्राइवेट पार्टिसिपेशन के लिए खोलने की पॉलिसी भी प्रिस्क्राइब की.बता दें कि इससे पहले उन्होंने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर जवाब दिया था।
वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट पर लोकसभा में चर्चा के दौरान बताया कि हर साल एक ही देश से 2.5 करोड़ छाते का आयात होता है। उन्होंने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसे देखते हुए ही छाते के आयात पर लगने वाले 10 प्रतिशत शुल्क को बजट में 20 प्रतिशत कर दिया गया। उन्होंने बताया कि घरेलू छाता निर्माता एमएसएमई कंपनियों ने यह शिकायत की थी कि कम शुल्क की वजह से देश में चीन से छाते का आयात लगातार बढ़ रहा है। आयात शुल्क बढ़ने से घरेलू छोटे उद्यमियों को निर्माण का मौका मिलेगा।