बिज़नेस

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत की आम जनता पर भी पड़ेगा असर, नया रिकॉर्ड बना सकते हैं डीजल-पेट्रोल,सोना 51500 के पार, कच्चा तेल 101 डॉलर के पार

रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध की घोषणा कर दी है। उनके इस ऐलान के बाद भारतीय शेयर बाजार आज भारी गिरावट के साथ खुले। वहीं, कच्चे तेल की कीमतें भी 101 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई हैं। सोना 51500 के पार पहुंच गया तो डॉलर के मुकाबले रुपया पहले से और कमजोर हो गया। इसका असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा।

रूस के यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा के चलते रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55 पैसे गिरकर 75.16 पर आया। युद्ध की वजह से अभी रुपये में और गिरावट की आशंका बढ़ गई है। रुपये के कमजोर होने से जानें किस क्षेत्र को नुकसान होगा.रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के एलान के बाद जहां एक ओर दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में भी आग लग गई है। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड का भाव का भाव पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। 8 वर्षों में पहली बार ब्रेंट क्रूड का भाव इस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।
बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। पुतिन ने कहा है कि अगर यूक्रेन पीछे नहीं हटता है तो जंग होकर रहेगी। पुतिन ने यूक्रेनी सेना को धमकी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द हथियार डाल दें नहीं तो युद्ध को टाला नहीं जा सकता है। पुतिन ने आगे कहा कि अगर कोई दूसरा देश बीच में आता है तो उसके खिलाफ भी जवाबी कार्रवाई होगी।रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine Crisis) के बीच संकट और गहरा गया है. रूस-यूक्रेन में संकट का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों (Stock Market) पर देखने को मिला है. एशिया से लेकर यूरोप के बाजारों भारी गिरावट देखने को मिली. सोमवार को प्रेसिडेंट डे के मौके पर अमेरिकी बाजार बंद थे, लेकिन फ्यूचर में कारोबार देखने को मिला और इसमें भारी गिरावट आई. डाओ फ्चूयर 500 अंकों तक टूट गया. वहीं यूरोप में जर्मनी का DAX 3.7 फीसदी तक गिर गया. ग्लोबल मार्केट में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी होगा. रूस-यूक्रेन संकट का असर कच्चे तेल पर दिखा. ब्रेंट क्रूड का भाव 97 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है.

आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. इसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता दी गई है. अमेरिका ने यूक्रेन के तथाकथित डीएनआर (डोनेत्स्क) और एलएनआर (लुहांस्क) क्षेत्रों में नए निवेश, व्यापार और वित्तपोषण करने से प्रतिबंधित लगा दिया है.न केवल पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान को छुएंगे बल्कि रसोई गैस से लेकर खाने-पीने तक की चीजों पर भी महंगाई बहुत बुरी तरह पड़ेगी।पहले ही कोरोना महामारी के कारण कई देश समेत भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है लेकिन अब इस खबर से भविष्य में कई दिकक्तें देखने को मिल सकते है। दो देशों के युद्ध तनाव के कारण ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 96.7 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है।बता दें कि, कच्चे तेल के दाम सितंबर 2014 के बाद अब सबसे ऊंचा स्तर पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, आगे भी कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच सकता है और अगर कच्चे तेल के दाम और बढ़े तो भारत में थोक मंहगाई पर भी सीधा असर होगा।

गौरतलब है कि पुतिन के युद्ध की घोषणा से एनर्जी एक्सपोर्ट में व्यवधान की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चा तेल बेचता है। यूरोप के देश 20 फीसदी से ज्यादा तेल रूस से ही लेते हैं। इसके अलावा, ग्लोबल उत्पादन में विश्व का 10 फीसदी कॉपर और 10 फीसदी एल्युमीनियम रूस बनाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अगर रूस और यूक्रेन में युद्ध होता है तो इससे भारत में नैचुरल गैस का दाम 10 गुना बढ़ जाएगा। वहीं, रिलायंस का मानना है किस गहरे समुद्र से निकाले जा रहे गैस की कीमत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। जिससे सीएनजी, पीएनजी और बिजली की दरें कई गुना बढ़ सकती है। बात करें डोमेस्टिक नेचुरल गैस के दामों की अगर इसके दाम 1 डॉलर भी ऊपर चढ़ता है तो सीएनजी के दाम में 4.5 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हो जाएगी। इसके अलावा एलपीजी और केरोसीन सब्सिडी भी बढ़ेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button