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5G Technology के लिए टेलीकाम इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना अनिवार्य होगी हाउसिंग प्रोजेक्ट में

देश में 5 जी त‍कनीक तेजी से शुरू करने में 5G technology आवास परियोजनाओं और परिसर में टेलीकाम इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को अनिवार्य करने से मदद मिलेगी। दूरसंचार विभाग इसके लिए पुराने मानदंडों में संशोधन कर रहा है ।

सरकार 5जी तकनीक को जल्‍द शुरू करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड और माडल बिल्डिंग बाइलाज में बदलाव कर रही है। वह आवास परियोजनाओं और परिसर के अंदर टेलीकाम इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को अनिवार्य करने की योजना बना रही है।

दिशानिर्देशों का मसौदा राइट आफ वे (आरओडब्ल्यू) 

दूरसंचार विभाग (डीओटी) पुराने मानदंडों में संशोधन करने के साथ ही 5जी नेटवर्क की आवश्यकता के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए राइट आफ वे (आरओडब्ल्यू) दिशानिर्देशों का मसौदा लेकर आया है। DoT ने तय किया है कि केंद्र सरकार के अधिकारी सरकारी भवनों और संरचनाओं पर बिना फीस के छोटे सेल की तैनाती की अनुमति देंगे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए 5G कमर्शियल रोल आउट के मद्देनजर दूरसंचार बुनियादी ढांचे के विस्तार में तेजी लाने का काम शुरू किया है। इसके लिए स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग पायलट कार्यक्रम के तहत होगा।

बहुत ऊंचाई पर स्थापित करने से बचना होगा 5जी साइटों को

5जी साइटों को बहुत ऊंचाई पर स्थापित करने से दूरसंचार कंपनियों को बचना होगा, क्योंकि इससे सिग्नल तो बहुत तेजी से निकलते हैं, लेकिन वह बहुत दूरी तक नहीं जाते हैं। जबकि 2जी, 3जी और 4जी के सिग्नल कमजोर होते हैं, लेकिन लंबी दूरी कवर करते हैं। दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि छोटे सेल की तैनाती के लिए पोल की स्थापना के मामले में, आवेदन शुल्क ₹1,000 प्रति आवेदन से अधिक नहीं होगा।

मसौदे में कहा गया है कि प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आने वाली किसी भी निजी संपत्ति पर दूरसंचार इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इतना ही नहीं केंद्र सरकार की इमारतों पर दूरसंचार इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगेगा। पिछले आरओडब्ल्यू दिशानिर्देश 2016 में जारी किए गए थे, लेकिन अधिकांश राज्यों को मानदंडों का पालन करने में लंबा समय लगा।

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