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Good News: अब मेडिकल कालेज में हो सकेगी ओपेन हार्ट सर्जरी, निजी क्षेत्र के अस्पतालों से एक चौथाई दरों पर मिलेगा उपचार

medical college meerut: यह बात राहत देने वाली है कि अब नवजात शिशुओं के जन्मजात हृदय रोग का भी उपचार मेडिकल कालेज में होगा। प्रेसवार्ता में मेडिकल कालेज प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने दी जानकारी। निजी क्षेत्र के अस्पतालों से एक चौथाई दरों पर मिलेगा उपचार।

मेरठ: एक सप्ताह के भीतर मेरठ में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कालेज में वयस्कों की ओपेन हार्ट बाईपास सर्जरी भी शुरू होने जा रही है। जबकि जन्मजात ह्दय रोग से पीडि़त नवजात शिशुओं का उपचार बिना चीर-फाड़ के प्रारंभ कर दिया गया है। निजी क्षेत्र के अस्पतालों में जो दरें निर्धारित हैं, उनकी तुलना में एक चौथाई दरों पर मेडिकल कालेज में ह्दय रोगियों को यह उपचार मिल सकेगा। बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने यह जानकारी दी।

पीएमएसएसवाई (लाल बिल्‍डिंग) सुपरस्पेशलिटी ब्लाक, लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कालेज में कार्डियोलाजी (हृदय रोग) विभाग द्वारा पीडियाट्रिक कार्डियोलाजी एवं एडल्ट कार्डियोलाजी की उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जनमानस को जागरूक करने के लिए प्रेसवार्ता की गई। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि सुपरस्पेशलिटी ब्लाक के हृदय रोग विभाग में बाल हृदय रोग व वयस्क हृदय रोग विभाग हैं। जिनमें बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डा. मुनेश तोमर और वयस्क हृदय रोग विशेषज्ञ डा.धीरज सोनी, डा. शशांक पांडेय और डा.सी बी पांडेय अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन विभागों में जो सुविधाएं पहले से थीं, उनमें अब कुछ नई सुविधाएं जुड़ गई हैं। जिससे पश्चिमी क्षेत्र के ह्दय रोगियों को मेडिकल कालेज में ही बेहतर उपचार सुलभ होगा।

अभी तक एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, हृदय में स्टंट डालना, पेसमेकर लगाना इत्यादि सुविधाएं मेडिकल कालेज में उपलब्ध थीं, अब यहां वयस्कों की ओपेन हार्ट सर्जरी भी हो सकेगी। वहीं, नवजात शिशुओं में जन्मजात हृदय रोग का उपचार बिना चीर-फाड़ के किया जाएगा।  दावा किया कि ह्दय रोगी को यह उपचार निजी अस्पतालों की तुलना में बहुत सस्ता होगा।

मेडिकल कालेज में ओटी, वार्ड, डाक्टर फीस और आपरेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा। केवल आपरेशन के लिए जो जरूरी सामान और दवाएं होंगी। उनका ही खर्च लगेगा। इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के एस आई सी डा. के एन तिवारी, डा. सुभाष दहिया, डा. वी डी पांडेय भी मौजूद रहे।

डा. मुनेश तोमर ने बताया कि 100 बच्चे पैदा होते हैं जिनमें एक बच्चा जन्मजात ह्दय रोग से पीडि़त होता है। बच्चे के ह्दय में छेद है या और कोई दिक्कत। यह पता लक्षणों से लगाया जा सकता है। यदि कोई नवजात शिशु मां का दूध नहीं पी रहा। खेल नहीं रहा। थक जाता है या नीला दिखाई देता है तो यह जन्मजात हृदय रोग हो सकता है। इस अवस्था में फौरन बच्चों को विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाना चाहिए।

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