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KV Admission Guidelines: केंद्रीय विद्यालयों में खत्म हुआ एमपी कोटा, जानें क्यों उठाया सरकार ने यह कदम

KV Admission Guidelines: शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, सांसदों पर आश्रित और केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत या सेवानिवृत्त कर्मचारी के बच्चों के लिए विशेष प्रावधान के अलावा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटा आदि को भी हटा दिया गया है।

KV Revised Guidelines: केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए केंद्र सरकार ने एमपी कोटे को खत्म करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 के संशोधित गाइडलाइंस के अनुसार अब केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसद सिफारिश नहीं कर सकेंगे।  शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, सांसदों पर आश्रित और केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत या सेवानिवृत्त कर्मचारी के बच्चों के लिए विशेष प्रावधान के अलावा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटा आदि को भी हटा दिया गया है।

साल 1975 में हुई थी योजना लागू 

इस कोटे के तहत लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सांसद सामूहिक रूप से हर साल 7880 छात्रों के दाखिले की सिफारिश कर सकते थे। यह योजना साल 1975 में लागू की गई थी। इससे पहले भी इस योजना को दो बार वापस लिया जा चुका है। हालांकि, बाद में इसे बहाल कर दिया गया था।

इतने छात्रों की सांसद कर सकते थे सिफारिश

प्रत्येक सांसद इस कोटे के माध्यम से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में कक्षा 1 से कक्षा 9 में प्रवेश के लिए 10 छात्रों की सिफारिश कर सकते थे।  नियमों के अनुसार, सांसद उन्हीं छात्रों की सिफारिश कर सकते थे जिनके माता-पिता सांसद के निर्वाचन क्षेत्र के रहने वाले हैं।

दाखिले की तय सीमा

आधिकारिक सूचना के अनुसार, सांसद कोटे के तहत साल 2018-19 में निर्धारित सीमा को पार करते हुए 8164 दाखिले हुए थे। वहीं, शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान 7301 दाखिले हुए। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इससे पहले शिक्षा मंत्रियों के लिए विवेकाधीन कोटे के माध्यम से होने वाले दाखिले पर रोक लगा दी थी। इस श्रेणी में साल 2019- 20 में 9411 और 2020- 21 में 12295 दाखिले हुए थे।

मिलेगी प्राथमिकता

केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र प्राप्त करने वालों के बच्चों के लिए विशेष प्रावधानों को बरकरार रखा गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) कर्मचारियों के 15 बच्चे, कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चे आदि के लिए भी यह प्रावधान जारी रखा गया है।

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