Omicron के बढ़ते खतरों के बीच,अमीर देश अपनी जनता को धड़ल्ले से लगा रहे हैं कोविड बूस्टर डोज, WHO ने दे डाली चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी है कि अमीर देशों में धड़ल्ले से बूस्टर खुराक (Booster Dose) लगाये जाने से कोविड-19 महामारी के लंबे समय तक रहने की संभावना बनेगी. इस साल टीके ने कई लोगों की जान बचाई है लेकिन उनके असमान वितरण ने कई लोगों की जान ले भी ली.
टेड्रोस ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्पतालों में भर्ती या मरने वाले लोगों के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन नहीं लग पाई है. उन्होंने कहा, “वैश्विक प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि सभी देशों में 40 फीसदी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और सभी देशों को इसका समर्थन करना चाहिए. अगले साल के मध्य तक सभी देशों में 70 फीसदी आबादी को वैक्सीनेट कर दिया जाना चाहिए.” डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रे़डोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा, “ब्लैंकेट बूस्टर कार्यक्रम से महामारी के खत्म होने के बजाये लंबा खींचने की आशंका है. अधिक टीकाकरण कवरेज वाले देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने से वायरस को फैलने और अपना आपको म्यूटेट करने (स्वरूप बदलने) का अधिक अवसर मिलेगा.उन्होंने बुधवार को बताया कि इस साल वैश्विक स्तर लोगों को पर्याप्त टीके दिए गए थे ताकि टारगेट तक पहुंचा जा सके. वैश्विक आपूर्ति में बाधा के चलते दुनिया के आधे देश की ऐसा कर पाए.
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, अमीर देशों में करीब 67 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई जबकि गरीब देशों में ऐसे लोगों की संख्या 10 प्रतिशत भी नहीं है. “उन्होंने कहा कि अभी प्रतिदिन लगाई जा रही टीके की 20 प्रतिशत वैक्सीन डोज बूस्टर हैं. उन्होंने कहा कि अमीर देशों में तेजी से बूस्टर डोज लगाए जाने से कोविड-19 महामारी लंबे समय तक रहने की संभावना बनेगी, ना कि यह खत्म होगी. उन्होंने कहा कि अधिक टीकाकरण कवरेज वाले देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने से वायरस को फैलने और अपना वेरिएंट बदलने का कहीं अधिक अवसर मिलेगा.