Omicron XE: कोरोना के नए वेरियंट XE, महाराष्ट्र बोला- हमें मिला ‘पहला केस’
ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 स्ट्रेन्स मिलकर बना है कोरोना का नया एक्सई वेरिएंट। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक यह अन्य वेरिएंट की अपेक्षा 10 फीसदी अधिक तेजी के साथ फैलता है।
देश में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन एक्सई (Omicron XE) के भारत में पहला केस के ऐलान को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र की राज्य सरकार आपस में भिड़ गए। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बुधवार को दावा किया कि उसे एक महीने पहले साउथ अफ्रीका से लौटी 50 वर्षीय महिला में एक्सई वेरिएंट मिला है लेकिन केंद्रीय एजेंसियों ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए इसे खारिज कर दिया।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पूरे मामले पर बयान जारी कर कहा कि ग्लोबल जीनोमिक डाटा (GISAID) की मदद से इसकी पुष्टि की गई थी लेकिन इंडियन सार्सको-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) ने पुष्टि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जेनोमिक्स (NIBMG) पश्चिम बंगाल में एक बार और जीनोमिक सीक्वेंसिंग करने का फैसला किया है। आगे सरकार ने कहा कि हमें लगता है कि यह मुंबई का पहला एक्सई वेरिएंट केस है।
ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 स्ट्रेन्स से मिलकर बना है कोरोना का नया एक्सई वेरिएंट। हाल ही में यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में कोरोना के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी के लिए इसी वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने पूरे ममाले पर बताया कि “जो कोरोना का मरीज पाया गया है वह फरवरी में मुंबई आया था। प्रोटोकॉल के मुताबिक पॉजिटिव पाए जाने पर जीनोमिक सीक्वेंसिंग करना जरुरी हो जाता है फ़िलहाल मरीज ठीक है। उसके संपर्क में आए लोग भी नेगेटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संबंधी मास्क लगाने की अनिवार्यता अभी समाप्त कर दी गई है लेकिन जरूरी है कि वह भीड़ भाड़ वाली जगहों पर सभी मास्क जरूर लगाए।”
बीएमसी के कार्यपालक स्वास्थ्य कर्मचारी डॉक्टर मंगला गोमारे ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव पाई गई महिला का 27 फरवरी को कोरोना टेस्ट हुआ था जिसकी रिपोर्ट 2 मार्च को आयी थी। एतिहात बरतते हुए इस दौरान उसे मुंबई के ताज लैंडस एंड होटल में क्वारंटीन कर दिया गया था।
इस नए वेरिएंट को ओमिक्रोन के सबसे अधिक संक्रामक बताया है। यह वेरिएंट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अन्य वेरिएंट की अपेक्षा 10 फीसदी अधिक तेजी के साथ फैलता है। इस वेरिएंट का पहला केस यूनाइटेड किंगडम (UK) में 19 जनवरी को पाया गया था।