UPSC: सातवें अटेम्प्ट में पूरा किया सपना, मां के कैंसर और लगातार मिलने वाली असफलता के बाद भी ज़िद नहीं छोड़ी
UPSC: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान पल्लवी वर्मा को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रहीं। पल्लवी वर्मा ने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया और आखिर में अपना मुकाम हासिल किया।
UPSC Success Story: देश की सबसे कठिन परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा मानी जाती है। आईएएस अधिकारी बनने का सपना लिया हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं। हालांकि, केवल कुछ ही लोग इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। इस कामयाबी के पीछे बहुत सारी अड़चनें, कई संघर्ष और सालों की मेहनत होती है। ऐसी ही एक कहानी है पल्लवी वर्मा की जिन्होंने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया और आखिर में अपना मुकाम हासिल किया।
इंदौर की रहने वाली पल्लवी वर्मा ने बायोटेक्नोलॉजी में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने लगभग 10 से 11 महीने तक चेन्नई में सॉफ्टवेयर टेस्टर के रूप में काम भी किया। इसके बाद साल 2013 से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने पहले प्रयास में ही काफी मेहनत की थी लेकिन पूरी जानकारी न होने के कारण उनका सेलेक्शन रह गया। इसके बाद उन्होंने कुल 5 अटेम्प्ट दिए। कभी इंटरव्यू तक पहुंची तो कभी प्रीलिम्स भी क्लियर करने में असफल रही थी।
उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के इस उतार-चढ़ाव भरे सफर के दौरान भी कभी हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। उनकी मां को इस दौरान कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का सामना करना पड़ा था। लगातार मिलने वाली असफलता और परिवार में इस संकट की घड़ी को देखते हुए पल्लवी ने परीक्षा में न बैठने का फैसला कर लिया था लेकिन उनके माता पिता ने भरपूर सहयोग किया। आखिरकार, साल 2020 में पल्लवी ने अपना सातवां अटेम्प्ट दिया और 340वीं रैंक प्राप्त कर सपना पूरा किया।
इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए पल्लवी ने लगभग 7 सालों तक मेहनत की थी। उन्होंने अपनी कमजोरी और गलतियों को पहचाना और समय रहते उसमें सुधार भी किया था। मजबूत इच्छाशक्ति और दिन-रात की मेहनत के बाद ही पल्लवी को यह मुकाम हासिल हुआ था। इससे न केवल उनका बल्कि उनके घर वालों का भी नाम रोशन हुआ।