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VI में सरकार के पास होगी सबसे ज्यादा 36% हिस्सेदारी,जाने क्या है पूरा मामला

नयी दिल्ली :कर्ज संकट का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर होगा। वीआईएल ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी।

वोडाफोन आइडिया ने शेयर बाजार को बताया, निदेशक मंडल ने 10 जनवरी 2022 को हुई अपनी बैठक में, स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों और एजीआर बकाया से संबंधित कुल ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दी है। कंपनी के अनुमानों के मुताबिक इस देनदारी का सकल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) लगभग 16,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसकी पुष्टि दूरसंचार विभाग द्वारा की जानी है।सरकार ने पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए थे. सरकार ने स्पेक्ट्रम चार्जेज और AGR बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया. हालांकि, इस दौरान इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन जारी रहेगा. अगर कंपनी चाहती है कि इंट्रेस्ट का हिस्सा इक्विटी में कंवर्ट कर दिया जाए तो सरकार ने इसकी भी मंजूरी दी थी. सरकार के इसी फैसले के तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है.

वीआईएल ने कहा कि चूंकि कंपनी के शेयरों की औसत कीमत 14 अगस्त 2021 के पार वैल्यू से नीचे थी, इसलिए सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयरों का आवंटन किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर दूरसंचार विभाग की मंजूरी ली जानी है।कंपनी ने बताया कि यदि यह योजना पूरी होती है तो वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी से आसपास हो जाएगी, जबकि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी करीब 28.5 प्रतिशत [वोडाफोन समूह] और 17.8 प्रतिशत (आदित्य बिड़ला समूह) रह जाएगी।

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