WHO :कोरोना की दो नई दवाइयों को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी ,गठिया की दवा भी है शामिल
इन दवाओं के कारण मरीजों के जिंदा बचने की संभावना बढ़ी है और संक्रमितों को वेंटिलेटर की आवश्यकता कम हो गई।
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विशेषज्ञों ने गैर-गंभीर कोविड मरीजों के लिए सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार सोट्रोविमैब की भी सिफारिश की। यह उन संक्रमितों के लिए प्रभावी है, जो अस्पताल में भर्ती होने की उच्च जोखिम वाले हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जो बुजुर्ग हैं, कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र से पीड़ित या डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों के शिकार हैं। इसके अलावा विशेषज्ञों ने सिंथेटिक एंटीबॉडी ट्रीटमेंट सोट्रोविमैब की सिफारिश की है. यह बुजुर्गों और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों के लिए कारगर साबित हो सकता है. Corticosteroids सस्ती और आसानी से उपलब्ध हैं. जो आमतौर पर सूजन और गंभीर मामलों के खिलाफ उपयोग में लाई जाती है.
सितंबर 2020 के बाद से गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए डब्ल्यूएचओ ने कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स समेत सिर्फ चार दवाओं को मंजूरी दी है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध है। गठिया की दवाएं टोसीलिज़ुमैब और सेरिलुमाब, जिसे डब्ल्यूएचओ ने जुलाई में मंजूर किया था। इससे पहले सितंबर में डब्ल्यूएचओ ने सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार रेजेनरॉन को मंजूरी दी थी। आर्थराइटिस की दवा tocilizumab और sarilumab को जुलाई में डब्ल्यूएचओ की ओर से अनुमति मिली थी. सितंबर में डब्ल्यूएचओ द्वारा सिंथेटिक एंटीबॉडी ट्रीटमेंट Regeneron को मंजूरी दी गई थी