WHO :मास्क और सैनिटाइजेशन है बेहद जरूरी, कम्युनिटी ट्रांसमिशन से 3 दिन में दोगुने हो रहे केस
एजेंसी ने कहा कि राहत वाली बात बस यह है कि ओमिक्रॉन उतना घातक नहीं है जितना पहले वाले वैरिएंट थे। हालांकि जिस गति से यह फैल रहा है उसे देखते हुए मास्क, सैनिटाइजेशन और भीड़ से बचने जैसे उपाय करते रहने की जरूरत है।
यहां चिंता की बात यह भी है कि ओमिक्रॉन उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है, हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि यह इम्युनिटी से बचकर निकलने की वायरस की क्षमता है या वायरस की संक्रामकता बढ़ गई है या दोनों कारण शामिल हैं।इस बात का प्रमाण मिला है कि ओमिक्रॉन की तुलना में बहुत तेजी से फैल रहा है यहां चिंता की बात यह भी है कि ओमिक्रॉन उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है, हालांकि अब तक यह साफ नहीं है कि यह इम्युनिटी से बचकर निकलने की वायरस की क्षमता है या वायरस की संक्रामकता बढ़ गई है या दोनों कारण शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है दुनिया में 89 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला है और कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चलते केस 1.5 से 3 दिनों में दोगुने हो रहे हैं। WHO ने सदस्य देशों को दी तकनीकी जानकारी में बताया कि इस बात का प्रमाण मिला है कि ओमिक्रॉन की तुलना में बहुत तेजी से फैल रहा है।
भारत में लगातर 20 दिन से कोरोना के रोजाना के 10 हजार से कम केस दर्ज हो रहे हैं। हालांकि इससे खतरा कम नहीं होता है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि अगर हम ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के संक्रमण का पैमाना देखें और भारत की आबादी से उसकी तुलना करें तो कहा जा सकता है कि संक्रमण फैलने पर भारत में रोजाना 14 लाख केस आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिग नहीं की जा सकेगी।