देश

अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद की तैयारी को लेकर बहसूमा में हुई संवाद बैठक

बहसूमा। दुनिया भर में जाट समाज में एक ही संगठन अंतरराष्ट्रीय जाट संसद जो पिछले 15 सालों से लगातार जाट समाज को प्रत्येक क्षेत्र में मजबूत बनाने के नियंत्रण प्रयास कर रही है। और हिंदुस्तान में ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर लाजवाब कार्य कर रही है। इसी श्रृंखला को आगे बढाते हुए अंतरराष्ट्रीय जाट संसद एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है।

बहसूमा। दुनिया भर में जाट समाज में एक ही संगठन अंतरराष्ट्रीय जाट संसद जो पिछले 15 सालों से लगातार जाट समाज को प्रत्येक क्षेत्र में मजबूत बनाने के नियंत्रण प्रयास कर रही है। और हिंदुस्तान में ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर लाजवाब कार्य कर रही है। इसी श्रृंखला को आगे बढाते हुए अंतरराष्ट्रीय जाट संसद एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 1 अक्टूबर 2023 को मांगल्य कन्वेंशन सेंटर सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ उत्तर प्रदेश में दुनिया भर से जाट समाज के प्रबुद्ध लोग अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के मेरठ अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए तैयारी कर रहे हैं। इस अधिवेशन को लेकर दुनिया भर के जाट समाज में जबरदस्त उत्साह है। इसी क्रम बृहस्पतिवार को चौधरी फार्म हाउस रामराज मीरपुर रोड बहसूमा में एक संवाद बैठक आयोजित हुई।अजय मलिक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने जाटों के इतिहास व संगठन पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर 1 अक्टूबर 2023 को मांगत्य कन्वेंशन सेंटर सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद की तैयारी को लेकर चर्चा की गई। जिसमें अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानिया ने कहा 1 अक्टूबर 2023 को सभी लोगों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए आह्वान किया और सभी समाज बंधुओं को कार्यक्रम का खुला निमंत्रण दिया। सामाजिक एकता, रोजगार सर्जन,कला, शिक्षा व साहित्य की तरफ ध्यान देने की बात कही साथ ही साथ समाज के गौरवशाली अतीत को याद करने व जाट इतिहास को पढ़ने की जरूरत बताई और एक बार फिर से छोटूराम, चौधरी चरण सिंह,ताऊ देवीलाल की तरह 36 कौम और बिरादरियों का नेतृत्व करते हुए पूरी दुनिया में जाट नेतृत्व का लोहा फिर से मनवाने के लिए काम करना होगा।यह काम विश्व जाट एकता व सामाजिक ताने -बाने को मजबूत करके ही किया जा सकता है।इसके लिए हमें सभी समाज बंधुओं को एक मंच,एक जाजम पर आकर आपसी सौहार्द पूर्ण भाईचारे की बात करनी पड़ेगी।वही अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक परमेश्वर कलवानियां ने बताया कि जाट समाज कष्टों और परेशानी से जूझ रहा है।जाट समाज का सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व कमजोर हो चुका है।जाट समाज के युवा और बुजुर्गो को सोचने समझने की जरूरत है।समय रहते परिस्थिति को नहीं समझे तो आने वाले समय में हालात बद से बद्तर हो सकते हैं।समाज को फिर से एकजुट होकर अपनी एकता की ताकत दिखानी होगी।अब जाट समाज में शिक्षा और रोजगार से संपन्न लोग हैं। समाज की रिति और निति को जोड़कर आज भी चल रहे हैं। इसलिए सबको एक मंच पर आकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करते हुए समाज के सुनहरे भविष्य की बुनियाद लिखना वर्तमान समय में बहुत जरूरी हो गया है। देखने व समझने वाली बात यह है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजनीतिक व सामाजिक रूप से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचारों का आज भी सम्मान किया जाता है। और किसानों की अगुवाई के रूप में बाबा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की आज भी छाप है। स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह को पश्चिम उत्तर प्रदेश के जन मानस में आज भी जिंदा है। और अंतरराष्ट्रीय जाट संसद पिछले लंबे समय से चौधरी चरण सिंह, बाबा टिकैत व राजा महेन्द्र प्रताप के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का ऐतिहासिक कार्य डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से कर रही है। जो लाजवाब व ऐतिहासिक पहल है। जिसकी सराहना जाट समाज के प्रबुद्ध लोग अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के मंच से खुल कर करते रहते हैं।वही उन्होंने 01 अक्टूबर 2023 को अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के अधिवेशन मांगत्य कन्वेंशन सेंटर सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ में सभी लोगों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए आह्वान किया। मौके पर क्षेत्र के अधिकतर जाट उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button