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कज़ाखिस्तान में सरकार के इस्तीफे को किया स्वीकार, प्रदर्शनकारी कर रहे ईंधन की बढ़ती कीमतों का जमकर विरोध

कज़ाखिस्तान में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण हिंसक विरोध के बीच राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में आपातकाल की स्थिति हो गई है। हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पूर्व सोवियत गणराज्य के सबसे बड़े शहर अल्माटी के केंद्र की ओर मार्च किया।

कज़ाखिस्तान राष्ट्रपति कसीम जोमार्ट टोकायव ने बुधवार को सरकार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। कज़ाखिस्तान में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण हिंसक विरोध के बीच राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में आपातकाल की स्थिति हो गई है। हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान पूर्व सोवियत गणराज्य के सबसे बड़े शहर अल्माटी के केंद्र की ओर मार्च किया।

प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने फ्लैशबैंग ग्रेनेड दागे और आंसू गैस के गोले भी दागे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मेयर के कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने  धावा बोल दिया, और लोग बैंकों, दुकानों और रेस्तरां पर भी हमला कर रहे है। विरोध ने कजाकिस्तान की छवि को राजनीतिक रूप से हिला कर रख दिया है। कजाकिस्तान के संस्थापक अध्यक्ष नूरसुल्तान नज़रबायेव द्वारा स्थापित शासन के लिए अब तक के सबसे बड़े खतरा साबित हुआ है।

उन्होंने 2019 में पद छोड़ने के बाद पार्टी के वफादार टोकायव को राष्ट्रपति पद सौंपी थी। टोकायव ने बुधवार तड़के अल्माटी और तेल उत्पादक पश्चिमी मंगिस्टाऊ प्रांत में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी, बाद में इसे राजधानी नूरसुल्तान तक बढ़ा दिया।  घरेलू और विदेशी उत्तेजक लोगों पर उन्होंने हिंसा के पीछे होने का आरोप लगाया है। अबतक 95 पुलिस अधिकारी इस झड़प में घायल हो गए। पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।

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