मेरठ

न्यायालय के आदेश पर पंचायती जमीन पर कब्जा कराने पहुंची प्रशासनिक टीम

बहसूमा। क्षेत्र के ग्राम सदरपुर में शुक्रवार को ग्राम पंचायत की बंजर भूमि पर प्रशासनिक टीम कब्जा कराने के लिए पहुंची थी। लेकिन जिस पक्ष ने भूमि पर जबरन कब्जा कर रखा था उसने प्रशासनिक टीम को देखकर काफी देर तक हंगामा किया।

बहसूमा। क्षेत्र के ग्राम सदरपुर में शुक्रवार को ग्राम पंचायत की बंजर भूमि पर प्रशासनिक टीम कब्जा कराने के लिए पहुंची थी। लेकिन जिस पक्ष ने भूमि पर जबरन कब्जा कर रखा था उसने प्रशासनिक टीम को देखकर काफी देर तक हंगामा किया। जिसके बाद कब्जा करने पहुंची टीम ने थाना पुलिस को मौके पर बुलाकर उक्त जमीन पर कब्जा लेते हुए अपना बोर्ड लगा दिया। बंजर भूमि पर कब्जा लेने के बाद पुलिस प्रशासनिक टीम मौके से वापस लौट गई। हालांकि इसके बाद जमीन को अपनी बताते हुए कब्जा करने वाले व्यक्ति ने अपनी समस्त संपत्ति बेचने का बोर्ड अपने मकान पर चस्पा कर दिया है। उसका कहना है कि सदरपुर के पूर्व प्रधान ने जानबूझकर उसे और उसके परिवार को परेशान करने की नियत से उस की भूमि को पंजर में अंकित कर दिया है।

बताते चलें कि क्षेत्र के ग्राम सदरपुर में स्थित खसरा नंबर 34 में गांव के ही अशोक पुत्र किरण सिंह ने अपना घेर बना रखा है। जिसमें उसने अपनी इत्यादि भी डाल रखी है। शुक्रवार की दोपहर कानूनगो मुकेश गौड लेखपाल प्रवीण कुमार के साथ उक्त भूमि पर कब्जा करने के लिए पहुंचे थे। जैसे ही इसकी जानकारी अशोक कुमार को लगी तो उसने अपने परिवार के साथ मौके पर पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया। अशोक कुमार का कहना था कि जिस भूमि को प्रशासन अपनी बता रहा है वह भूमि उसकी है तथा उसका कई वर्षों से उस पर कब्जा है। जब अशोक कुमार के परिवार ने भूमि पर कब्जा नहीं करने दिया तो कानूनगो मुकेश गौड़ ने थाना पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराते हुए पुलिस फोर्स मौके पर मंगा लिया तथा खसरा नंबर 34 की 750 मीटर भूमि पर प्रशासनिक बोर्ड लगा दिया।

जिसमें साफ शब्दों पर लिखा हुआ है कि यह भूमि बंजर में दर्ज है तथा ग्राम पंचायत के नाम है। इसलिए इस भूमि पर कोई भी कब्जा करने का प्रयास ना करें अन्यथा उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वही बीते कई वर्षों से उक्त भूमि का प्रयोग कर रहे अशोक कुमार का कहना है कि सदरपुर गांव के पूर्व प्रधान नेपाल सिंह ने रंजिश के चलते उसकी पुश्तैनी भूमि को जानबूझकर बंजर में दर्ज कराते हुए ग्राम पंचायत के नाम करा दिया है। जिसके चलते उसके परिवार को लाखों रुपए की हानि हुई है। यदि उसके साथ न्याय ना हुआ तो वह अपनी समस्त जमीन जायदाद बेचकर अपने परिवार के साथ गांव से पलायन कर जाएगा।

वहीं पूर्व प्रधान नेपाल सिंह का कहना है कि उक्त भूमि पहले से ही बंजर में दर्ज है और ग्राम पंचायत के नाम है अशोक कुमार ने जबरन उस पर कब्जा कर रखा था। उक्त भूमि को लेकर अशोक कुमार ने न्यायालय में भी वाद दायर किया था जिसे न्यायालय ने गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। वाद खारिज होने के बाद ही प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर उक्त भूमि पर कब्जा लिया है। उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है

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