विदेश

पाकिस्तान ने पेश की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति,अलापा वही पुराना राग

पाकिस्तान ने यह आरोप भी लगाया है कि भारत उसके बारे में भ्रामक प्रचार में जुटा है। अंत में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने सारे मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है लेकिन भारत का मौजूदा रवैया इसकी राह में एक बड़ी बाधा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को वर्ष 2022-2026 के लिए देश की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति (नेशनल सिक्यूरिटी पालिसी आफ पाकिस्तान) जारी की। इसमें भी पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापने से बाज नहीं आया है। इसके अलावा उसने भारत सरकार द्वारा हिंदुत्व को बढ़ावा देने को लेकर भी प्रलाप किया है। संकेत साफ है कि उसके साथ रिश्तों में सुधार आने की गुंजाइश नहीं है, बल्कि तल्ख रिश्तों में दूरी और बढ़ सकती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को देश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पेश की जिसे नागरिक केंद्रित फ्रेमवर्क पर तैयार किया गया है और सैन्य ताकत पर केंद्रित एक बहुआयामी सुरक्षा नीति के बजाय इसमें आर्थिक सुरक्षा को केंद्र में रखा गया है.
पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और मंत्रिमंडल से अनुमोदित सुरक्षा नीति के सार्वजनिक संस्करण जारी करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाकाम रहीं है.जब उनसे पूछा गया कि यह भारत को क्या संदेश देता है तो उन्होंने कहा,यह भारत को कहता है कि सही कार्य करिए और हमारे लोगों की बेहतरी के लिए क्षेत्रीय संपर्क से जुड़िए। यह भारत को यह भी कहता है कि अगर आप सही कार्य नहीं करेंगे तो इससे पूरे क्षेत्र को नुकसान होगा और उसमें भी सबसे अधिक भारत का नुकसान होगा।इस सप्ताह के शुरुआत में अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों से नयी नीति के तहत शांति चाहता है और कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना भी नयी दिल्ली से कारोबार के रास्ते को खुला रखना चाहता है।
नई नीति में इसे क्षेत्रीय स्थायित्व के लिए भी खतरा बताया गया है। पाकिस्तान ने यह आरोप भी लगाया है कि भारत उसके बारे में भ्रामक प्रचार में जुटा है। अंत में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने सारे मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन भारत का मौजूदा रवैया इसकी राह में एक बड़ी बाधा है। जम्मू-कश्मीर को लेकर अलग से नीति में एक पैराग्राफ दिया हुआ है जिसमें कहा गया है कि इस मुद्दे का न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण समाधान पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित में है, लेकिन ऐसा नहीं होने का पूरा ठीकरा भारत पर फोड़ा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button