मेरठ

Muzaffarnagar: गुलाम मोहम्मद की हृदयगति रुकने से हुआ इंतकाल, जौला शामिल हुए थे चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की आखिरी श्रद्धांजलि में

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की किसान पंचायतों के मंच का संचालन करने वाले और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नजदीकी रहे किसान नेता गुलाम मोहम्मद (87) का हृदयगति रुकने से इंतकाल हो गया।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू)  की किसान पंचायतों के मंच का संचालन करने वाले और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नजदीकी रहे किसान नेता गुलाम मोहम्मद (87) का हृदयगति रुकने से इंतकाल हो गया। प्रधान जमशेद अली ने बताया कि वह भाकियू में बिखराव से आहत थे और सोमवार सुबह अखबार पढ़ने के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

27 साल तक गुलाम मोहम्मद हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेंद्र वर्मा के साथ जुड़े रहे। इसके बाद 1987 में वह भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ जुड़े और उनके साथ चले। मजाकिया अंदाज में मंच संचालन के माहिर थे और इसी वजह से किसानों के बीच लोकप्रिय भी रहे।

1 नवंबर 2013 को मुजफ्फरनगर दंगे के बाद उन्होंने भाकियू से अलग होकर भारतीय किसान मजदूर मंच का गठन किया था।  रविवार को वह सिसौली में बाबा टिकैत की पुण्य तिथि पर हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे।

चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को आखिरी श्रद्धांजलि देकर गए गुलाम मोहम्मद जौला

सिसौली के किसान भवन पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में गुलाम मोहम्मद जौला शामिल हुए थे। उन्होंने रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह से भी मुलाकात की थी। टिकैत उनके परिवार के करीबियों में रहे और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के बाद से हमेशा पुण्यतिथि के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं।

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, अनिल बालियान, थानाभवन के विधायक अशरफ अली, पूर्व विधायक अब्दुल राव वारिस, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, पूर्व सांसद कादिर राना, कृष्णपाल राठी, अजित राठी, पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, जमशेद अली, सपा विधायक विधायक पंकज मलिक,  रामकुमार सहरावत, जमीयत के हाफिज शेरदीन, सिवाल खास के विधायक गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद आरिफ जौला, रालोद नेता प्रभात तोमर, अनिल डबास, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, सुबोध त्यागी, दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना यामीन, जमीयत नेता आसिफ कुरैशी शामिल हुए। नमाज-ए-जनाजा मौलाना इमरान हुसैनपुरी ने अदा करवाया।

ऐसे बन गए टिकैत के साथी

किसान आंदोलनों में जेल की यात्राएं करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला हमेशा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ रहे। भाकियू के प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक बताते हैं कि 11 फरवरी 1987 को फुगाना के लक्ष्मी शिव मंदिर में पंचायत हुई थी। जौला से गुलाम मोहम्मद अपने समर्थकों के साथ पंचायत में शामिल हुए। टिकैत के साथ पहली मुलाकात के बाद वह हमेशा भाकियू के साथ जुड़ गए। गुलाम मोहम्मद के हाथ में भाकियू की हर पंचायत का माइक होता था। मंच संचालक का अंदाज किसानों को खूब भाया करता था। वह मजाकिया लहजे में बड़ी और गंभीर बातें कहने में माहिर थे। दिवंगत भाकियू अध्यक्ष उन पर बेहद भरोसा करते थे।

हर-हर महादेव और अल्लाह हू अकबर का दिया नारा

कई दशक से किसान राजनीति से जुड़े गुलाम मोहम्मद जौला ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ उनके दाहिने हाथ के रूप में सभी आंदोलनों में भाग लिया। हर-हर महादेव व अल्लाह हू अकबर के नारे का जन्म भाकियू के खेड़ी करमू आंदोलन से हुआ था। यह नारा गुलाम मोहम्मद जौला ने दिया था। उन्होंने हमेशा अपने नाम के साथ अपने गांव का नाम लगाया। 2013 मे जनपद में हुए सांप्रदायिक दंगे में शांति व सौहार्द कायम करने के लिए उन्होंने अहम भूमिका निभाई। जौला गांव के बिजली घर परिसर में हजारों की संख्या में दंगा पीड़ितों की मदद की। दोनों समुदायों के बीच समझौता करवाने में वे क्रियाशील रहे।

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