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किसानों की जो समस्या है, वह वैसी की वैसी है, टिकैत बोले- MSP पर बात करे सरकार

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है इससे समाधान नहीं होगा। किसानों की जो समस्या है, वह वैसी की वैसी है।

केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। आगामी संसद सत्र में इसे विधिवत तरीके से वापस ले लिया जाएगा। बावजूद इसके किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। किसान लगातार एमएसपी को लेकर सरकार से सवाल कर रहे हैं। इन सबके बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है। टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी पर बात नहीं करना चाहती है। हमने चार दिन पहले इसे लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी है लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। एमएसपी पर कानून बनने से पूरे देश के किसानों को लाभ होगा।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है इससे समाधान नहीं होगा। किसानों की जो समस्या है, वह वैसी की वैसी है। जब तक केंद्र सरकार किसानों से बातचीत नहीं करेगी और MSP पर क़ानून नहीं लाएगी तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन अभी समाप्त नहीं होगा और आगे की रूपरेखा 27 नवंबर को तय की जाएगी।

 

 

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अन्य मांगों का सरकार करे समाधान

किसान नेताओं ने मंत्रिमंडल द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पेश किए जाने वाले विधेयक को दी गई मंजूरी को ‘ औपचारिकता’ करार देते हुए अन्य मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की। हालांकि, किसान नेताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे प्रदर्शनकारी किसानों के लिए महज पहली जीत करार दिया और कहा कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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